UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) अदालत से जमानत प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार को सीतापुर (Sitapur) की जेल से रिहा होकर अपने गृह जनपद रामपुर (Rampur) पहुंचे. जहां पर उनके समर्थकों ने उनका जगह-जगह फूल बरसा कर स्वागत किया है. इस दौरान उन्होंने मीडिया से रूबरू होकर देश की सर्वोच्च अदालत और हाई कोर्ट को शुक्रिया कहा. साथ ही जेल में गुजारे गए 27 महीनों का भी जिक्र किया है.
समर्थकों का किया शुक्रिया
सपा विधायक आजम खान जैसे ही अपने गृह जनपद रामपुर में दाखिल हुए वैसे ही उनके समर्थकों ने फूल बरसा कर उनका जोरदार स्वागत किया. वह जैसे अपने घर से चंद कदमों के फासले पर पहुंचे तो मीडिया के कैमरों पर जेल में बिताए 27 महीनों का दर्द बयां करने से नहीं चूके. इसी दौरान उन्होंने देश की सर्वोच्च और उत्तर प्रदेश का हाई कोर्ट का शुक्रिया भी अदा किया. वहीं उन्होंने पलके बिछाए इंतजार करने वाले अपने समर्थकों के अंदर अपने चिर परिचित अंदाज में दिल को छू लेने वाले अल्फाजों से जोश भरने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है.
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जेल की मुश्किलों पर क्या बोले
आजम खान से पूछा गया कि पिछले 26 महीने से ज्यादा के मुश्किल भरे सफर में कैसे रहे और परिवार ने क्या कुछ सहा. तो उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देखो भई जब कोई बड़ा मिशन सामने होगा तो मुखालिफ भी बड़ा होगा. तकलीफ भी बड़ी होगी, उस मिशन से फायदे भी बड़े होंगे और नुकसान भी बड़े होंगे और हमारा मिशन राजनीतिक नहीं था. हमने अपने 40 साल के राजनीतिक कार्यकाल में पार्टी के नेताओं के अपने सियासी आका और हमें अपने लिए सोने के कंगन चाहिए थे. हम कहां रहते हैं, यह आपने देखा नहीं है. हमारा शहर कैसा था और अब कैसा हो गया है.
1989 की घटना का किया जिक्र
आजम खान ने 1989 के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि 1989 में सबसे बड़ा बूथ सेंटर था. कांग्रेस की सरकार थी और यहां पर नवाब जुल्फिकार अली खान था. यहां पर मेंबर ऑफ पार्लियामेंट हुआ करते थे. मैं और मेरी बीवी मेरा बड़ा बच्चा उस वक्त बड़ा छोटा सा था. एक बच्चा गोद में था, मेरी तीनों बहनों वोट डालने गए थे. उस वक्त किले के दरवाजे से चारों तरफ से जीपें दाखिल हुई, फायरिंग करते हुए मेंबर ऑफ पार्लिमेंट आ गए थे. मेरे सीने पर 7 से 8 तमंचे लगा दिए, जिनमें जर्मन पिस्टल भी थे.
उस वक्त हल्के जाड़े थे और वे सूट पहने हुए था, सबने गोलियां चलाई मेरे पैरों पर गिरे रिवाल्वर लेकिन कोई गोली नहीं चली. पुलिस फायरिंग हुई कई सौ राउंड गोली चली. मेरी मौत नहीं आई थी, मैं नहीं मरा और उसी मैदान में जिस मैदान में यह हादसा हुआ था, उसी मैदान में जीत का जलसा किया. आजम खान ने कहा मैंने वही लोगों से कहा कि तुमने सुना होगा कि अल्लाह है और भगवान है.
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