Hate Speech Case: आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बोले- 'उपचुनाव में कमल खिलेगा'
सपा नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में 27 अक्टूबर को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी. वे यूपी की रामपुर सीट से जीतकर विधायक बने थे. यूपी विधानसभा सचिवालय ने सदस्यता रद्द करने की घोषणा कर दी.
Azam Khan News: हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार (28 अक्टूबर) को सपा नेता आजम खान की यूपी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई. उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने यह घोषणा की. यूपी विधानसभा के प्रधान सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है.
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा, "माननीय अध्यक्ष विधानसभा श्री सतीश महाना जी ने मोहम्मद आज़म खान की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के फ़ैसले का स्वागत है! रिक्त विधानसभा के उपचुनाव जब भी होंगे,भाजपा का कमल खिलेगा!"
माननीय अध्यक्ष विधानसभा श्री सतीश महाना जी ने मोहम्मद आज़म खान की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के फ़ैसले का स्वागत है! रिक्त विधानसभा के उपचुनाव जब भी होंगे,भाजपा का कमल खिलेगा!
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) October 28, 2022
कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया था
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने सपा नेता और विधायक आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में गुरुवार को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो (संसद और विधानसभा से) उनकी सदस्यता अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दिन से समाप्त हो जाएगी.
2019 में दिया था भड़काऊ बयान
आजम खान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहने पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. सपा नेता के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था.
गुरुवार को जमानत भी मिल गई थी
हालांकि इस मामले में गुरुवार को आजम खान को जमानत भी मिल गई थी. कोर्ट के फैसले के बाद सपा नेता ने कहा था, ‘‘यह अधिकतम सजा है. इस मामले में जमानत अनिवार्य शर्त है और इस आधार पर मुझे जमानत मिल गयी है. मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं.’’
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