एक्सप्लोरर
Advertisement
Azam Khan ने जौहर यूनिवर्सिटी में लगाई 450 करोड़ की काली कमाई, IT का खुलासा, अब ED करेगी जांच
Azam Khan News: सपा नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में 450 करोड़ की काली कमाई का मामला सामने आया है, जिसके बाद आईटी ने इस रिपोर्ट को ईडी को सौंप दिया है.
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने 450 करोड़ रूपये की काली कमाई जौहर यूनिवर्सिटी में लगाई है. आयकर विभाग की ओर से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भेजी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. चौंकाने वाली बात यह है कि कई ऐसी कंपनियों ने भी जौहर यूनिवर्सिटी को करोड़ों रूपये का दान दे दिया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है. ट्रस्ट को दान देने वाले ऐसे लोग भी मुकर गए, जिनकी लिस्ट खुद आजम खां ने आयकर विभाग को दी थी.
इसी साल 13 सितंबर को आयकर विभाग की ओर से आजम खां के 30 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. रामपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ आदि जिलों में हुई ये छापेमारी तीन दिन तक चली थी. जबकि, 20 अक्टूबर को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी में डेरा डाल लिया था और इमारतों की वास्तविक कीमत का आंकलन किया. जिसके बाद आयकर विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट ईडी को भेज दी है.
सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आजम खां ने जौहर यूनिवर्सिटी में बनी दो इमारतों के निर्माण की ही मंजूरी ली थी, जबकि यूनिवर्सिटी में 59 इमारतों का निर्माण किया गया है. वहीं, आजम खां अपनी यूनिवर्सिटी की कीमत 46 करोड़ रुपये बताते हैं, जबकि इन इमारतों की वास्तविक कीमत 494 करोड़ है. इस तरह 450 करोड़ का निवेश छुपाया गया, जो गलत तरीके से अर्जित किया गया है.
आयकर विभाग ने ईडी को सौंपी जांच रिपोर्ट
इसमें भी यूनिवर्सिटी में अधिग्रहित की गई जमीन और अन्य चल संपत्तियां शामिल नहीं हैं. इसके अलावा 88 करोड़ रुपये जल निगम, लोक निर्माण विभाग जैसी सरकारी विभागों के लगे हुए हैं, जिनसे अलग-अलग योजना के तहत कार्य कराए गए हैं. जैसे ड्रेनेज सिस्टम, सड़कों और इमारतों का निर्माण शामिल है. वहीं, आयकर विभाग ने जब आजम खां से पूछताछ की, तो उन्होंने जौहर ट्रस्ट को चंदा देने वालों ने नाम बता दिए, लेकिन आयकर विभाग ने जब उन दानदाताओं से पूछा तो किसी भी प्रकार का चंदा देने से इंकार कर दिया.
सूत्र बताते हैं कि आयकर विभाग ने यह भी माना है कि आजम खां ने सपा सरकार में मंत्री रहते हुए अपनी ताकत का दुरूपयोग किया और अपने निजी स्वार्थ को गलत तरीके से पूरा किया है. जौहर यूनिवर्सिटी में ठेकेदारों का 30 से 40 प्रतिशत पैसा लगता था. कुछ ठेकेदारों ने इस बात को स्वीकार भी किया है. सूत्रों के अनुसार यह खेल इस तरीके से होता था कि आजम खां अपने ही करीबी ठेकेदारों को सड़कों और अन्य कार्यों के लिए ठेके दिला देते थे, लेकिन ठेकेदार बिना काम करे ही उस धन को निकाल लेते थे और उस धन में 30 से 40 प्रतिशत पैसा जौहर ट्रस्ट को दे दिया जाता था.
सपा नेता आजम खां के जौहर ट्रस्ट को अस्तित्वविहीन कंपनियों ने ही करोड़ों रूपये का चंदा दे दिया था. लखनऊ की पिरामिड कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायरस, मुरादाबाद की सालार ओवरसीज लिमिटेड और फेज परवीन, दिल्ली की एआर एजुकेशन ट्रस्ट, रामीगेट इन्फ्रा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, बहराइच की मोहम्मद हसीब, नोएडा की सिटी एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी और अर्थ कम्यूनिकेशन इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड, रॉयल एम्पोरिया फ्रा टेक कंपनी शामिल हैं. इन कंपनियों ने जौहर ट्रस्ट को करोड़ों रूपये का चंदा दिया है.
आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ईडी पीएमएलए (प्रीवेन्सन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) व फेमा के तहत केस दर्ज कर सकती है. क्योंकि, जिस गैरकानूनी तरीके से पैसे का ट्रांजेक्शन हुआ है, वह इसके दायरे में आता है. इसके अलावा विदेशी मुद्रा के लेनदेन की भी जानकारी सामने आई है.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
IPL Auction 2025
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
आईपीएल
साउथ सिनेमा
Advertisement