UP News: आजम खान के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खान से संबंधित है. जिन्होंने तीन-चार साल पहले एक प्लॉट रामपुर में खरीदा था, जिसकी जांच करने पर मालूम हुआ कि उसमें स्टांप ड्यूटी कम लगाया गया है. इस बाबत एक रिपोर्ट रामपुर एसडीएम ने जांच करने के उपरांत जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी थी. 


लेकिन उस पर अब्दुल्ला आजम खान के अधिवक्ता की आपत्ति के बाद पुनः जांच की गई और एक बार फिर 8,26,000 रुपये कम स्टांप लगाने की रिपोर्ट आने पर मामला जिला अधिकारी के पास पहुंच गया है. अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी इस पर कितनी पेनल्टी लगाते हैं क्योंकि इस तरह के मामलों में कम स्टांप ड्यूटी जमा करने पर 10 गुना तक पेनल्टी लगाए जाने का प्रावधान है. ऐसे में एक बार फिर अब्दुल्ला आजम पर यह अर्थदंड की तलवार लटक रही है.


क्या है पूरा मामला?
इस संबंध में डीजीसी रेवेन्यू अजय तिवारी ने बताया कि विधायक अब्दुल्ला आजम खान ने शिवि रोड पर एक प्लॉट खरीदा था. अब से लगभग दो-तीन साल पहले और वह प्लॉट इन्होंने राह- ए- मुर्तजा की तरफ रास्ता ना दिखा कर उसको लिंक रोड दिखाते हुए उसका बैनामा करवाया था. सब रजिस्ट्रार सदर ने उसका मौका मुआयना किया तो उन्होंने पाया कि यह लिंक रोड पर तो है ही साथ में सेगमेंट रोड पर भी इस प्लॉट का रास्ता खुलता है. तब उसी के आधार पर 8,26,000 रुपए की स्टांप कमी पाई गई थी.


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जिसकी रिपोर्ट उन्होंने कलेक्टर रामपुर को भेजी थी और तत्कालीन कलेक्टर जो वर्तमान में कमिश्नर हैं आंजनेय कुमार उन्होंने अब्दुल्ला आजम खान को नोटिस भेजा था. उसके बाद अब्दुल्ला आजम खान के अधिवक्ता रमेश पाठक ने इसमें जवाब दाखिल किया था. आपत्ति दाखिल की थी और उन्होंने दोबारा मौके की जांच कराने की बात कही थी. उसके बाद पुनः जांच हुई, एसडीएम सदर ने जांच कराई और उसके बाद भी जांच में क्लेरिटी नहीं थी, क्योंकि उसमें कुछ ऐसा था के उस पर फिर आपत्ति लगी और आपत्ति के बाद वर्तमान में जो हमारे कलेक्टर हैं.


17 नवंबर को सुनवाई
रविंद्र कुमार मांदड़ ने दोबारा जांच के आदेश दिए थे. इसमें दोबारा एसडीएम सदर ने जांच की और जांच में 8,26,000 रुपए की कमी पाई गई. उन्होंने पुरानी जांच रिपोर्ट की पुष्टि की. एसडीएम ने जो कलेक्टर साहब के न्यायालय में कम स्टांप ड्यूटी का वाद चल रहा था, उसमें वह रिपोर्ट दाखिल हो चुकी है. उस पर सुनवाई होना शेष है और जल्द ही उस पर फैसला आ जाएगा.


अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि इस मामले में सजा का प्रावधान नहीं है. ये कम स्टांप ड्यूटी का मामला है, 8,26,000 रुपए की स्टांप ड्यूटी कमी है. वो उन्हें जमा करना पड़ेगा, उसके अलावा किय यह कोर्ट की मर्जी पर है कि उसका कितना गुना बढ़ाकर एक्सेस का आदेश होता है. वह आदेश पर निर्भर करेगा और पेनाल्टी भी पड़ेगी. इस संबंध में अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख लगाई गई है.