'इंसाफ और फैसले में फर्क होता है', फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा पर आजम खान की पहली प्रतिक्रिया
Azam Khan News: जेल जाने के समय आजम खान ने कहा कि आज फैसला हुआ है. फैसले और इंसाफ में फर्क होता है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में उन्हें, उनकी पत्नी और बेटे को सात-सात साल की सजा हुई है.
Azam Khan Latest News: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि इंसाफ और फैसले में फर्क होता है. आज फैसला हुआ है. जेल जाने के दौरान मीडिया से उन्होंने ये बात कही.
रामपुर की एक अदालत ने बुधवार (18 अक्टूबर) को आजम खान, अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर तीनों को सीधे जेल भेजा जाएगा. एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की कोर्ट ने दो जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई.
पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया जाएगा.दरअसल, भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें सपा नेता आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था.
पुलिस ने विवेचना के बाद मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. तीनों ही लोग इस समय जमानत पर चल रहे हैं. मामला एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में चल रहा है.आरोप पत्र के मुताबिक, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी. दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था.आरोप था कि अब्दुल्ला ने अपने दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाए हैं, जिनमें एक रामपुर नगरपालिका परिषद से, जबकि दूसरा प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से बनवाया.
बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले अब्दुल्ला आजम को 2008 के एक मामले में दोषी ठहराते हुए गत फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी. दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद, अब्दुल्ला आजम को यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अब्दुल्ला आजम सजा पर रोक के लिए हाईकोर्ट गए, जहां उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई.