Watch: आजम खान को याद आए 'भगवान राम', इंदिरा गांधी की हत्या का किया जिक्र, टीपू सुल्तान की सुनाई अनोखी कहानी
UP Bypolls 2023: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता आजम खान (Azam Khan) बीते कुछ दिनों में उपचुनाव और निकाय चुनाव के दौरान अपने बयानों को लेकर फिर से चर्चा में हैं.
Suar ByElections 2023: सेकुलर अंदाज में चुनाव प्रचार करने पहुंचे समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता आजम खान (Azam Khan) ने जनता को हिंदू-मुस्लिम एकता का पाठ पढ़ाया. आजम खान ने यहां महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के हत्या के समय निकले बोल 'हे राम' का जिक्र किया. वहीं टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) की हत्या के बाद अंग्रेजों द्वारा उतार कर ले जाई गई अंगूठी पर राम लिखा होना बताया.
सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, "मालूम है नौजवानों सुल्तान टीपू के हाथ से तो अंगूठी उतारी गई जो आज भी बलदानिया के म्यूजियम में है. यह बताओ उन लोगों को जो नफरत का संदेश देते हैं. नफरत का पैगाम देते हैं और फिर इंसान को इंसान से लड़ आते हैं. धर्म को धर्म से और जात को जाति से लड़ आते हैं. यह बलदानिया के म्यूजियम में सुल्तान टीपू की जो अंगूठी कत्ल करके उतारी गई थी. उसे रंग अंगूठी पर राम लिखा हुआ है. यह अंगूठी टीपू सुल्तान के हाथ से उतरी हुई थी, यह था हिंदुस्तान एक अंग्रेज के हाथों मारे हुए और एक अपनों के हाथों से कत्ल किए हुए बापू बापू के राम."
क्या बोले सपा नेता?
आजम खान ने को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे ही वतन हिंदुस्तान में इमरजेंसी के नाम पर एक ऐसा दौर भी आया जब पूरे मुल्क को कहा गया कि कैद खाना बन गया. उस समय मैं बहुत छोटा था. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ता था. तब वकालत की सबसे बड़ी डिग्री कर रहा था. यूनियन के लोग पकड़े गए मैं भी पकड़ा गया क्योंकि उस वक्त यूनियन का सेक्रेटरी था और वहीं सबसे बड़ा ओहदेदार होता था."
सपा नेता ने आगे कहा, "मिसेस इंदिरा गांधी का जमाना था, जिसके नाम से हवाएं रुक जाएं. जिसने एक मुल्क के दो टुकड़े करा दिए, जिन्हें दुर्गा मां का खिताब मिला हो. इमरजेंसी की गलती ने उनके नाम को मिटा कर रख दिया. ऐसी आंधी चली कि कांग्रेस का नामोनिशान मिट गया. हम जैसे लोग एकतेदार में आए सरकारें बनीं. इस मुल्क में एक और दर्दनाक हादसा हुआ. उसमें इंदिरा गांधी की हत्या हुई. ये बहुत बुरा हुआ. इंतेहा ही बुरा हुआ."
उन्होंने कहा, "किसी कानून के मुल्क में किसी की जान कानून के फैसले के बगैर ली जाना चाहे वह इंदिरा गांधी हो या कोई अदला सा इंसान हो वह कल भी गलत था और आज भी गलत है. लेकिन नतीजा क्या हुआ. इंदिरा गांधी की हत्या एक औरत की, एक वजीरे आजम की, एक मां की, एक बेटी की हत्या नहीं थी. एक बीवी की हत्या नहीं थी, बल्कि हिंदुस्तान की निजाम-ए-जम्हूरियत का कतल था."