Azamgarh Bypoll: उत्तर प्रदेश के रामपुर (Rampur bypoll) में हो रहे लोकसभा उपचुनाव सपा प्रत्याशी आसिम राजा (Asam Raza) और बीजेपी के घनश्याम सिंह लोधी (Ghanshyam Singh Lodhi) के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है लेकिन सपा नेता आजम खान (Azam Khan) के निशाने पर कांग्रेस है. उनके शब्दों के बाणों की बौछार कांग्रेस पार्टी (Congress) पर हो रही है. आजम, संजय गांधी (Sanjay Gandhi) से लेकर कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले नवाब परिवार पर ही कटाक्ष कर रहे हैं. आजम खान के बयानों से ऐसा लग रहा है जैसे इन चुनाव में आसिम नहीं बल्कि खुद आजम मैदान में हैं और उनका मुकाबला नवाब खानदान से है. ये सब तब है जब कांग्रेस से यहां से अपना प्रत्याशी तक घोषित नहीं किया है लेकिन अब धीरे-धीरे माहौल 2 साल बाद यानी 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव की तैयारी को लेकर बनाया जा रहा है.
इमरजेंसी का याद कर बोले आजम खान
सपा नेता आजम खान अपने ऊपर हुए मुकदमों का जिक्र करते हुए कहा इतने सारे मुकदमें एक साथ लगाने के बावजूद हुकूम मेरे ऊपर करप्शन, बेईमानी और रिश्वत का मुकदमा नहीं लगा सकी. ना जाने कितने लोगों का भला हुआ होगा, सख्त फैसले भी हुए होंगे कुछ को पसंद होंगे और कुछ को ना पसंद होंगे. सियासत की शुरुआत बहुत अच्छे माहौल में नहीं हुई. मुल्क में इमरजेंसी लगी थी, उस वक्त मैं भी गिरफ्तार हुआ और अलीगढ़ की जेल गया. उन्होंने कहा ये कि ये मेरे नसीब का इत्तेफाक है कि जब जिन्दगी की शुरुआत हुई तब भी बहुत सख्त थी और जब जिन्दगी इस मरहाली में तब भी इम्तिहान बहुत सख्त है. तब भी मुझे 40 दिन ऐसी कोठरी में रखा गया जो जमीन में ज्यादा थी और सिर्फ रोशनदान की जगह थी और इस कोठरी में नामी डाकू सुंदर को रखा गया था.
कांग्रेस पर लगाया जुल्म का आरोप
आजम ने कहा मैं नहीं जानता था कि उस वक्त कांग्रेस पार्टी या सरकार ने ऐसा क्यों किया. पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ढाई साल में ही लोग अपने पर हुए इमरजेंसी के जुल्म को भूल गए. मिसेज इंदिरा गांधी के बेटे ने तुर्कमान गेट को देखकर कहा कि ये छोटा पाकिस्तान मुझे बर्दाश्त नहीं होता. नतीजा ये हुआ कि देशभक्ति के नाम पर तुर्कमान गेट की सड़क खून से नहा दी गई. उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि आधी सदी गुजरने के बाद उन जख्मों को याद दिलाया जाए. मैं हमेशा कहा कि मालिक कहता है जमीन वालों, जमीन वालों के साथ इंसाफ करो. अगर तुम इंसाफ नहीं करोगे तो फिर हम इंसाफ करेंगे. जिसे बर्दाश्त नहीं कर सकोगे. जानते हो क्या हुआ मिसेज गांधी का वही बेटा जिसने नसबंदी के नाम पर हर जुल्म किया,जहाज से उड़ा था और जब जमीन पर गिरा था तो मां, बेटे की शक्ल तक नहीं पहचान पाई.
इंदिरा गांधी को लेकर कही ये बात
आजम ने कहा, इमरजेंसी की जेल में और आज के इस दौर में एक बुनियादी फर्क है, इमरजेंसी होने के बावजूद भी मुल्क में इस बात की उम्मीद बाकी थी कि लोकतंत्र वापस आएगा. जयप्रकाश नारायण ने एक इंकलाबी नारा दिया कि जो इंसानों को इंसाफ न दे सके वो निजाम बदल दो और उनके कहने पर हिंदुस्तान की सियासत का तख्ता पलट गया. हिंदुस्तान की सियासत इस तरह बदली कि कांग्रेस का हिंदुस्तान से सफाया हो गया. मिसेज गांधी चुनाव हार गईं. पार्लियामेंट में मुतालबा हुआ मिसेज इंदिरा गांधी को सख्त सजा दी जाए मिसेज इंदिरा गांधी का पासपोर्ट जप्त कर लिया गया.
इतिहास याद रखेगा ये जुल्म
आजम खान ने इतिहास जुल्म को भी याद रखेगा, जालिम को भी याद रखेगा और जुल्म को सहने वाले को भी याद रखेगा. जुल्म सहने वाले जुल्म करने वाले से बड़ा गुनाहगार है. ये गुनाह आपने हमने भी किया है. हमारी मस्जिद का भी जब ताला खुला था तब भी एक नाइंसाफी हुई थी. लेकिन उसके बाद क्या हुआ, मिसेज गांधी के साथ क्या हुआ. एक दूसरे वजीरे आजम के साथ क्या हुआ, इसलिए आपसे कहना चाहते हैं कि अगर लोकतंत्र की हिफाजत नहीं करोगे तो जालिम इतना ताकतवर हो जाएगा कि आपको सांस लेने तक नहीं देगा.
खुद पर लगे आरोपों पर दी सफाई
आजम ने कहा कि बात सिर्फ रामपुर और आजमगढ़ की हार जीत की नहीं है. कोई फर्क नहीं आ जाएगा, लेकिन आपने तो बिलासपुर की सीट हार दी. आपने तो हमारे मुंह पर कलंक लगा दी. हम किस बात के लिए जेल में थे हम किस बात के लिए माफिया कहलाए थे. कोई 1 इंच जमीन हमारे नाम पर है ईडी के अफसरों ने हमसे जेल में 5 दिन पड़ताल की और हमसे सवाल किया कि बताइए विदेश में आपके कितने खाते हैं हम से सवाल किया कि बताइए विदेश में आपके कितने होटल हैं कितनी कोठियां हैं. आपकी एक फकीर आदमी से हिंदुस्तान की हुकूमत यह सवाल कर रही है जो गली के अंदर रहता है कि बताइए दुनिया में आप की कितनी जायदाद हैं. मैंने कहा कि तुम्हारे सवालों पर मुझे ना गुस्सा आ रहा है ना अफसोस हो रहा है बल्कि इस बात पर शर्म आ रही है कि मैं कहां पैदा हो गया.
भिखारी बनकर वोट मांगने आए हैं
आजम खान ने कहा आज फिर आए हैं आपके पास, बहुत आते हैं आपके पास हमेशा मांगने के लिए आते हैं. भिखारी बनकर कभी अपने लिए कभी अपनों के लिए. हमने संसदीय सीट साढ़े तीन लाख वोट से जीतना था, लेकिन इंतजामियां ने जो सख्ती और जुल्म कर रखा था उसके नतीजे में हमारी जीत डेढ़ लाख रह गई. दो लाख वोट हमारा लूट लिया गया. हम आज कहते हैं ईमानदारी से चुनाव लड़ा दो हमारे खिलाफ देश का कोई नेता आ जाए अगर हम हार जाए तो हमारा सर उतार देना. उन्होंन कहा कि अगर लोकतंत्र नहीं बचेगा, इंसानियत नहीं बचेगी इंसानों को जीने का हक नहीं बाकी रह जाएगा.
केन्द्र सरकार पर भी साधा निशाना
आजम खान ने कहा बर्दाश्त नहीं करता, कोई ट्रेन में नहीं चल सकता बस में नहीं बैठ सकता सफर नहीं कर सकता. अपनी शिनाख्त नहीं बता सकता अपना नाम नहीं बता सकता धर्म के पेशवाओं का अपमान होता है. ये है इंसानियत. इस तरह हम विश्व गुरु बनेंगे पैगंबर इस्लाम की तौहीन करके हम विश्व गुरु बनेंगे दुनिया तबाह हुए जा रही है और हम उससे सबक नहीं लेते. हम रूस और यूक्रेन की जंग से सबक नहीं लेते. चीन ने हमारे ऊपर कितना बड़ा कब्जा कर रखा है हम उससे सबक नहीं लेते हम दुश्मन से नहीं लड़ते भाई से भाई को लड़ाते हैं.
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