Lok Sabha Elections 2024: सीतापुर में आजम खान की मौजूदगी से बढ़ेगी BJP की मुश्किल! इन सीटों का बदल सकता है समीकरण
UP Politics: सपा नेता आजम खान मुस्लिमों के बड़े नेता हैं. उन्हें लेकर मुस्लिम वोटरों में काफी साहनुभूति भी है. उनके सीतापुर जेल में आने से यहां की कई सीटों पर इसका असर देखने को मिल सकता है.
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) को रामपुर (Rampur) से सीतापुर (Sitapur Jail) की जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. जिसे लेकर सियासी हलचल भी तेज हो गई है. सपा का आरोप है कि मुस्लिम होने की वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है तो वहीं कांग्रेस की ओर से भी उन्हें लेकर नरम रुख देखने को मिला है, जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि आजम की सीतापुर में मौजूदगी का यहां के आसपास की सीटों पर भी असर पड़ सकता है.
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा मिली है, जिसके बाद रविवार को आजम खान को सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया. ऐसे में इसका असर सीतापुर और आसपास की सीटों पर भी पड़ सकता है. इससे सपा के पक्ष में मुस्लिमों का ध्रुवीकरण हो सकता है. यही वजह है कि सपा खुलकर उनके समर्थन में आ गई है.
इन सीटों पर पड़ सकता प्रभाव
आजम खान के सीतापुर जेल में रहने की वजह से इस जनपद के आसपास लखीमपुर खीरी, बहराइच, हरदोई, मोहनलालगंज, कैसरगंज, अंबेडकरनगर, धौरहरा, गोंडा, शाहजहांपुर जैसी सीटों पर प्रभाव पड़ सकता है. इन सीटों पर मुस्लिम वोटरों के ध्रुवीकरण का प्रभाव आगामी लोकसभा चुनाव में दिख सकता है. यही वजह है कि सपा हो या फिर कांग्रेस कोई भी आजम खान के प्रति अपनी साहनुभूति दिखाने से पीछे नहीं रहना चाहता है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आजम खान का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है तो वहीं शिवपाल यादव ने यहां तक कह दिया कि मुस्लिम होने की वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है. सपा नेता ऐसा करके मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में बनाए रखना चाहते हैं. अखिलेश अपना समर्थन जताने के लिए जल्द ही उनसे मिलने सीतापुर जेल भी जा सकते हैं.
मुस्लिमों में आजम खान का खासा प्रभाव
सपा की तरह ही कांग्रेस का भी आजम खान को लेकर नरम रवैया देखने को मिला है. आजम मुस्लिमों के बड़े नेता हैं. योगी सरकार आने के बाद जिस तरह से उनका पूरा परिवार कानूनी शिकंजे में फंसा है उसके बाद मुस्लिमों की उनके साथ सहानुभूति भी है. कांग्रेस इसका फायदा उठाकर मुस्लिमों को अपने साथ करना चाहती है. अजय राय ने तो कांग्रेस को मुस्लिमों को पुराना घर बताकर साहनुभूति दिखाने की कोशिश की.
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