रामपुर, एबीपी गंगा। रामपुर में एक बार फिर चुनावी माहौल है। आजम खान के लोकसभा में पहुंच जाने के बाद रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, जिसके लिए समाजवादी पार्टी ने आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा को मजबूत दावेदार मानते हुए चुनावी जंग में उतारा है। वही पिछले काफी समय से मुसीबतों में चल रहे है आजम खान एक लंबे अरसे बाद रामपुर लौटे और उन्होंने कहा मुझे अदालत के फैसले पर विश्वास है। जिला प्रशासन को हिदायत देते हुए कहा जिला इंतजामियां अपने कामों को सही कर ले, अपनी तकरीर में आगे बोलते हुए उन्होंने कहा राहे सख्त नहीं राहे बहुत आसान हैं।


भारतीय जनता पार्टी को मालूम था कि उन्हें यहां से सीट नहीं मिल सकती वरना कैंडिडेट यह नहीं होते मजबूत कैंडिडेट होते और होते नहीं कैंडिडेट होती यहां उनका इशारा जयाप्रदा की ओर था। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा अगर मेरे जैसे शख्स पर अट्ठासी मुकदमे हैं किसी और पर होते तो वह यकीनन दुनिया में नहीं होता।


आजम खान ने अदालत के फैसले पर विश्वास जताते हुए कहा , देर है लेकिन वह देरी हमारे लिए हिम्मत है, यह देरी देर हो सकती है जिला इंतजामियां अपने किए हुए कामों को सही कर ले ,उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बड़े-बड़े वकील लगाने के बावजूद भी हाईकोर्ट के फैसले को तब्दील नहीं किया जा सकता।


उन्होंने जिला प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि 'मुजरिम है वो लोग जिन्होंने ऐसा काम किया बहुत बड़े मुजरिम हैं, मैं अपील करता हूं उन नादान लोगों से चाहे वह आलिया गंज से हो, भैंस खाने के लोग तुम्हारी लड़ाई हमारी लड़ाई है, हमें तुम्हारे मैले कपड़ों से तुम्हारे बदन से बदबू कभी नहीं आई, ना आएगी हमें मिटाओगे तो आने वाली नस्लों को मिटाओगे तुम आने वाले इकलौते सुनहरे इतिहास को मिटाओगे गुरुर मत करो तकब्बुर मत करो, यह ना सोचो तुम्हारी बात कम हो जाएगी आओ हमारे बड़े हुए हाथ है, एक बार हमारे दिल से लगो छोड़ दो अकेला साजिश करने वालों को और दोष दो उन सत्ताधारीयों को जो तुम्हारे साथ कुछ इंसाफ कर देते।


आजम खान ने अपने समर्थकों से मुखातिब होते हुए कहा कि मुझे इस बात का शिकवा है कि आपसे मेरी गैरमौजूदगी में आपने अपनी मौजूदगी कम कर दी क्या होगा कितने लोग कितनी जेले भरी जाती मेरी मसले हद 88 मुकदमों की थी और मैं जानता था कि अदालत अगर अदालत है और अगर इंसाफ करने वाले इस जमीन पर जिंदा हैं तो मुझे हुकूमत का चेहरा दिखाना था यहां के अफसरान की असलियत दिखानी थी और आखिर यह बात कबूल हुई और जो मालिक को मंजूर है। राहे सख्त नहीं राहे बहुत आसान है। भारतीय जनता पार्टी को मालूम था कि उन्हें यहां से सीट नहीं मिल सकती वरना कैंडिडेट यह नहीं होते मजबूत कैंडिडेट होते और होते नहीं कैंडिडेट होती मुट्ठी बन जाओ बताओ ताकत बनोगे।


आजम खान ने कहा कि यह सही है कि हम नहीं जानते थे कि कभी ऐसा भी कलयुग आएगा कि मेरे जैसे आदमी के ऊपर 88 मुकदमे लगेंगे। डकैती लूट का अगर यह मुकदमे किसी और शख्स पर होते तो मैं पूरे यकीन के साथ कहता हूं वह इस दुनिया में नहीं होता।