Azam Khan: रामपुर जेल में आजम खान की नई पहचान बिल्ला नंबर 338, सामान्य कैदियों के साथ बैरक में रहेगा परिवार
Azam Khan Family: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र में अदालत से सजा मिलने के बाद आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को रामपुर की जेल में रखा गया है, जहां वो आम बंदियों के साथ कैद हैं.
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान (Azam Khan) अपनी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के साथ अदालत के फरमान के बाद रामपुर (Rampur Jail) की जिला जेल में सलाखों के पीछे अपनी सजा के दिन और रात गुजारने के लिए अग्रिम अदालती कार्यवाही तक बंद हो चुके हैं. यही नहीं आजम खान को बाकायदा जेल मैनुअल के मुताबिक सजायाफता कैदी के रूप में दस्तावेजों में बिल्ला नंबर 338 भी मिल चुका है.
जेल प्रशासन की ओर से सामान्य रूप से अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के तहत आजम खान को कैदी के रूप में जेल में मौजूद दस्तावेजों में बिल्ला नंबर 338 तंजीन फातिमा को 339 और अब्दुल्लाह आजम को 340 दिया जा चुका है. आजम खान, तंजीन फातिमा व अब्दुल्लाह आजम को सामान्य कैदियों की तरह ही जेल की बैरकों में रखा गया है.
सामान्य कैदियों की तरह रखा गया
अदालत से सजा तय होने के बाद आजम खान को पत्नी और बेटे के साथ पुलिस के कड़े पहरे के बीच दो दिन पहले जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. आजम खान और अब्दुल्ला आजम को जेल की बैरक नंबर एक में आम बंदियों के साथ रखा गया है जबकि उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को महिला बैरक में बंद किया गया है.
आजम खान, पत्नी और बेटे को 7-7 साल की सजा
सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को अलग-अलग मामलों में तीसरी बार अदालत ने स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट ने दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है, उनके साथ ही इस मामले में उनकी पत्नी डॉक्टर तंजीम फातिमा एवं बेटे अब्दुल्लाह आजम को भी दोषी माना गया है और दोनों मां बेटे को भी आजम खान की तरह ही 7-7 साल की सजा मुकर्रर की गई है.
आजम खान की भड़काऊ भाषण मामले में रामपुर और अब्दुल्लाह आजम को जनपद मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र में सड़क जाम कर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में पहले ही दो अलग-अलग अदालतों से सजा मिलने के बाद अपनी अपनी विधायकी गवानी पड़ चुकी है. ऐसे में अब ना ही आजम खान और ना ही अब्दुल्लाह आजम वीआईपी हैं कुछ इसी तरह का पैमाना पूर्व सांसद तंजीन फातिमा पर भी लागू होता है. यही कारण है कि तीनों को सामान्य कैदी के रूप में नियम अनुसार बैरकों मे रखा गया है.