Azamgarh and Rampur By-Election: अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इस बार न तो रामपुर (Rampur) में चुनाव प्रचार के लिए उतरे और न ही आजमगढ़ (Azamgarh) में चुनाव प्रचार के लिए उतरे. जिसके बाद अब इसके कई मायने निकाले जा रहे है. सब ये जानना चाहते हैं कि आखिर अखिलेश यादव दूरी क्यों बनाये हुए हैं. जबकि आजमगढ़ से अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद यादव (Dharmendra Yadav) चुनाव मैदान में उतरे हैं. उसके बाद भी अखिलेश का उनके लिए चुनाव प्रचार खड़ा न होना चर्चा का विषय बना हुआ है. 


क्या है वजह?
अखिलेश यादव ने 2022 में विधानसभा चुनाव में दिनरात जमकर रैलिया की थी. वहीं मंगलवार को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है और ऐसे कयास लगाये जा रहे थे अखिलेश यादव मंगलवार को रामपुर या फिर आजमगढ़ में से किसी एक जगह जायेंगे. लेकिन सुबह होते-होते वो कयास भी टूट गये. अखिलेश यादव ने खुद न जाकर दोनों लोकसभा सीटों में प्रचार के लिए पार्टी के सीनियर नेताओं को भेजा. अखिलेश यादव के चुनाव प्रचार में न जाने के पीछे की एक कहानी ये भी है की अगर पार्टी इन दोनों सीटों में से कोई सीट हारेगी भी तो अखिलेश यादव पर कोई बात नहीं आयेगी क्योंकि अखिलेश 2024 पर अपनी नजर बनाये हुए हैं.


अखिलेश यादव ऐसा कुछ नहीं चाहते हैं कि अभी से ही किसी भी वर्ग को गलत मैसेज जाए. रामपुर और आजगढ़ की दो सीटे खाली हुई थीं. अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद थे लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा सरकार को मिली करारी हार के बाद अखिलेश यादव ने फैसला लिया की यूपी विधानसभा में मोर्चा संभालेंगे. उन्होंने सांसदी छोड़कर विधायक बनने में सहमती बनाई.


सीएम योगी ने किया प्रचार
वहीं बीजेपी की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम समेत कई अन्य बड़े नेता भी चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. सीएम योगी ने 20 जून को आजमगढ़ लोकसभा चुनाव में प्रचार किया. वहीं 21 जून को रामपुर लोकसभा सीट पर दो जनसभा को संबोधित करेंगे. मंगलवार को इन सीटों पर चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. 


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