भजन सम्राट अनूप जलोटा यूपी के आजमगढ़ में पहुंचे और किसान आंदोलन पर अपनी बेबाक से रखी. उन्होंने कहा एक साल पहले किसान आंदोलन किसानों की जरूरतों को लेकर शुरू हुआ था. लेकिन जब विरोधियों को मालूम हुआ कि ये चीज भुनाई जा सकती है, तो इसमें विरोधियों के साथ चीन, पाकिस्तान मिल गया. और खालिस्तान की फिर से रूपरेखा बनाने लगे. अनूप जलोटा ने सवाल करते हुए कहा कि कोई लालकिले पर जाकर तिरंगे का अपमान करेगा तो हम कैसे सहेंगे? जो लोग किसान आंदोलन चला रहे हैं, उन्हें समझने की जरूरत है कि इससे अपने देश के लोग तंग हो रहे हैं.
ऑडिशन वर्कशॉप के लिए आजमगढ़ आए थे अनूप
दरअसल आजमगढ़ में अनूप जलोटा सा रे गा मा एकेडमी की तरफ से आयोजित एक ऑडिशन वर्कशॉप में हिस्सा लेने आए थे. जहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में कमाल का टैलेंट है. मैं जब भी यहां आता हूं तो कैफी आजमी की याद आ जाती है. हम चाहते हैं कि यहां भी सिंगिंग स्टार्स नजर आएं. उन्होंने आगे कहा कि आजकल की फिल्में पहले जैसी नहीं रही. पहले की फिल्मों और गानों में काफी मेहनत होती थी. आजकल की फिल्में और गाने एक हफ्ते चलने के लिए बनते हैं. पहले ये सोचा जाता था कि ऐसा गाना बनाया जाए कि हर शादी में बजे, जैसे बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है, ऐ मेरी जोहराजबीं इन गानों के बिना आज भी हर शादी अधूरी है.
शबाना आजमी के बयान पर दी ये प्रतिक्रिया
वहीं इससे पहले आजमगढ़ पहुंची बेहतरीन अदाकारा और पूर्व सांसद शबाना आजमी ने बयान दिया था कि किसान बिल जिस तरह से वापस हुआ उसी प्रकार सीए, एनआरसी की वापस को लेकर भी आंदोलन होना चाहिए, इस सवाल पर अनूप जलोटा ने कहा कि सरकार ने किसानों को काफी सहूलियत दी है, लेकिन सरकार ने जो भी कानून बनाए वो वापस हो जाएंगे तो इसका लोग इसका नाजायज फायदा उठाने लगेंगे.
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