Azamgarh By-Elections: आजमगढ़ (Azamgarh) के मुस्लिमों में राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल (Rashtriya Ulama Council) की अच्छी पकड़ है. इस बार उपचुनाव में इस मुस्लिम संगठन ने बसपा (BSP) को समर्थन देने का ऐलान किया है. राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल की बसपा से गठबंधन से शाह आलम (Shah Alam) उर्फ गुड्डू जमाली की राह आसान हो सकती है. वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर पलटवार करते हुए गुड्डू जमाली ने कहा कि सपा के कोई नेता बाकी नहीं हैं. सारे आ गए हैं, अगर कोई बाकी हो तो उसे भी बुला लें. कल को हारने के बाद यह ना कहें कि कोई रह गया था. उन्हें तो हारना ही है, यह हंड्रेड परसेंट सोयोर है. उन्होंने कहा कि जिस 5 परसेंट वोट पर वह अपना बताते हैं. उसमें से भी तीन परसेंट वोट तो बीजेपी को जाता है फिर कैसे वह अपना वोट कहते हैं.


मुस्लिमों की है पसंद
हालांकि राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल पार्टी का बसपा प्रत्याशी शाह आलम उस गुड्डू जमाली को समर्थन का काफी अच्छा फायदा मिल सकता है क्योंकि राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल पार्टी का मुस्लिमों में अच्छी पकड़ है. मुस्लिमों के लिए अक्सर आवाज उठाया करती है. इस वजह से भी मुस्लिम राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल को पसंद करते हैं. जिससे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को सीधा फायदा हो सकता है, लेकिन यह फायदा कितना सही साबित होगा ये आने वाला 30 जून बताएगा.


समर्थन का ऐलान
आजमगढ़ राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने बसपा को दिया समर्थन 2009 में गठित राष्ट्रीय उलमा काउंसिल मुस्लिम मतदाताओं पर अपनी पकड़ रखती है. आज उलमा काउंसिल ने बसपा प्रत्याशी शाह आलम और गुड्डू जमाली को अपने समर्थन का ऐलान किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का ऐलान किया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बसपा प्रत्याशी शाह नंबर गुड्डू जमाली और उलमा काउंसिल के राष्ट्रीय प्रवक्ता ताल्हा अमरेश आदि मौजूद रहे.


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