Azamgarh News: आजमगढ़ (Azamgarh) के रौनापार थाना क्षेत्र के मारा कर्मनाथ पट्टी में उस समय गांव के सारे ग्रामीण एक जगह जमा हो गए जब अमेरिका से डेविड कैनन और लीना अपने पूर्वजों को खोजने यहां पहुंचे. इस दौरान गांव के लोगों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया. वहीं अपने परिवार से मिलकर डेविड कैनन और लीना का भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दरअसल, सगड़ी तहसील क्षेत्र स्थित रौनापार थाना क्षेत्र के मारा कर्मनाथ पट्टी गांव में अपने पूर्वजों के घर जाने के लिए बुधवार की सुबह करीब 10 बजे डेविड कैनन, लीना अपने सहयोगी आयुष जयपुर और संजय सिंह हीरापट्टी के साथ रौनापार थाना पहुंचे. वहां से उपनिरीक्षक मधुसूदन चौरसिया पुलिस के साथ लेकर उन्हें गांव पहुंचे.
डेविड कैनन पुत्र डेविड रोस्टेड सुपरसेंट और उनके पिता रामप्रसाद और रामप्रसाद के पिता रामखेलावन को बताया जा रहा है. साल 1907 में रामखेलावन मौर्य पुत्र टहल निवासी ग्राम मारा कर्मनाथ पट्टी थाना रौनापार तहसील सगड़ी गिरगिटिया मजदूर के रुप में विदेश गए. वह कोलकाता से त्रिनिदाद और टोबैगो में रहे और फिर अमेरिका गए. उनकी चौथी पीढ़ी के डेविड अपनी पत्नी लीना के साथ मंगलवार को गांव में आए.
लोगों ने फूल मालाओं के साथ किया स्वागत
ग्राम प्रधान रामबचन यादव सहित ग्रामीणों का कहना है कि इनसे मिलकर बड़ी खुशी हुई है और यह लोग पूर्ण रूप से खुश हैं. सभी ने भोजन रहन-सहन देखकर खुशी का इजहार किया.लेखपाल त्रिभुवन यादव ने बताया कि दो दिन से राम खेलावन मौर्य के जमीन और निवास को खोजा जा रहा था. 1901 के दस्तावेज से इनका नाम मिला और अगल-बगल के नामों से मिलान किया गया तो सही पाया गया. जयपुर से आए डेविड के दोस्त आयुष ने बताया कि जब 1907 में इनके पूर्वज रामखेलावन गए तो कोलकाता प्रवास पत्र बनाया गया था. वह प्रवास पत्र खोजा गया और भारतीय दूतावास के पास यहां के सबूत पेश किए गए और भारतीय दूतावास द्वारा यहां लाया गया.
संजय सिंह हीरापट्टी ने बताया कि भाई विनोद सिंह अमेरिका में रहते हैं. विनोद सिंह की मुलाकात डेविड की माता मार्लिन से हुई तो बातचीत के दौरान पता चला कि यह ये आजमगढ़ सगड़ी के मूल निवासी हैं. डेविड और लीना के घर पहुंचने पर ग्रामीणों ने माला पहनाकर स्वागत किया. उन्हें चूड़ा, दही, पूडी, सब्जी और रोटी खिलाया। उन लोगों ने हैंड पाइप चलाकर उसका भी आनंद लिया। गांव में महिलाओं से मिलकर खुशी का इजहार किया.
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