(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Azamgarh: डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में अब कस्तूरबा के शिक्षक, प्रशासन से रखी ये मांग
UP News: यूपी में सभी शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस के विरोध के बाद अब सरकार से अपनी मांगे भी रख रहे है. शिक्षकों के चल रहे इस आंदोलन में अब कस्तूरबा के भी शिक्षक मैदान में उतर गए है.
Azamgarh News: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी और जूनियर के शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस की शुरुआत के समय से अपने अलग-अलग मांगों को लेकर आवाज उठा रहे है. इसी बीच आज कस्तूरबा विद्यालय के शिक्षकों ने भी धरना प्रदर्शन कर अपनी विभिन्न मांगे सरकार से उठाई हैं. उत्तर प्रदेश में प्राइमरी के 1,11,576 स्कूल है, वहीं जूनियर के 45,655 स्कूल है. इसके अलावा कस्तूरबा के 746 विद्यालय पूरे प्रदेश में है. प्राइमरी और जूनियर के साथ अब कस्तूरबा के शिक्षक भी उनसे कंधे से कंधा मिलाकर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर रहे हैं.
कस्तूरबा के शिक्षकों ने आज आजमगढ़ के कुंवर सिंह उद्यान में प्रदर्शन करते हुए अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया.कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों ने अपनी समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में बीएसए को ज्ञापन भी सौंपा.
शिक्षकों ने संबंधित अधिकारियों से अपनी मांग रखी हैं. उन्होंने मांग की है कि सभी शिक्षक कर्मचारियों को नई शिक्षा नीति में दिए गए निर्देशों के अनुसार उन्हें जल्द से जल्द परमानेंट किया जाए.
हॉस्टल की देखभाल के लिए केयर टेकर नियुक्त हो
सूबे के सभी केजीबीवी विद्यालयों में अनुभव को देखते हुए नई शिक्षा नीति के तहत योग्यता वाले वार्डेन या फुल टाइम टीचर को विद्यालय का प्रिंसिपल गृह बनाया जाए. वार्डेन कम शिक्षिका व फुल टाइम टीचर्स को महिला अधिकारों के तहत 24 घंटे से निजात दिलाते हुए विद्यालय संचालन के लिये राजस्थान व हरियाणा राज्य की तरह 8 घंटे की ड्यूटी लिया जाए. होस्टल की देखरेख के लिये दो शिफ्टों में केयरटेकर की नियुक्ति की जाए. फुल टाइम टीचर्स, पार्ट टाइम टीचर्स, उर्दू टीचर का पदनाम संशोधित कर सभी को ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर की तरह सहायक अध्यापक का दर्जा दिया जाए.
खाली जगहों पर नई नियुक्ति किया जाए
उर्दू विषय के शिक्षकों के लिये मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र की बाध्यता को समाप्त करते हुए खाली पड़ी जगहों पर नई नियुक्ति किया जाए. विद्यालय में काम करने वाले लेखाकारों की ड्यूटी बीआरसी से हटाई जाए और उन्हें जवाहर नवोदय विद्यालयों में तैनात लेखाकारों की तरह सभी सुविधाएं दी जाए. रसोईयाँ, चपरासी व चौकीदार को फिर से रोटेशन लीव दिये जाने का आदेश दिया जाए. सार्वजनिक अवकाशों में भी ड्यूटी करने वाले रसोईया, चपरासी व चौकीदार को प्रतिकार अवकाश प्रदान किया जाए.
सेवामुक्त किए गये सभी शिक्षकों को सेवा में वापस लिया जाए और भविष्य में कभी बाहर न किया जाए. बालकों के निःशुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 25 में वर्णित मानक में विषय व शिक्षकों की तैनाती को ध्यान में रखते हुए पुरुष शिक्षकों की पुनः तैनाती किये जाने का आदेश दिया जाये .केजीबीवी आवासीय विद्यालय होने के नाते जवाहर नवोदय विद्यालय समिति की तरह सभी सुविधाएं देते हुए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय समिति बनाकर इसी समिति से विद्यालय संचालन कराया जाए.
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