आजमगढ़ में 15 पुलिसकर्मियों पर FIR का आदेश, सेल्समैन को फर्जी मामले में फंसाने का मामला
Azamgarh News: आजमगढ़ कोर्ट में वादी पक्ष ने पवई थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर उनके पति और एक साथी को गांजा बरामदगी दिखाते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था.
Azamgarh News: आजमगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने अहरौला पुलिस को पवई थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 15 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिया है. साथ ही विवेचना के परिणाम से न्यायालय को अवगत कराने के लिए कहा है. उक्त मामले में वादी पक्ष ने पवई थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर पति व उनके साथी को स्कार्पियो में गांजा बरामद दिखाते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था.
अहरौला थाना क्षेत्र की रहने वाली गीता ने कोर्ट में वाद दाखिल करते हुए कोर्ट न्यायालय को अवगत कराया कि उसके पति इंद्रजीत यादव व संचित यादव फुलवरिया में बीयर की दुकान पर सेल्समैन हैं. होली पर पुलिस द्वारा उनके पति से अवैध धन की मांग की थी. जिससे उन्होंने इनकार कर दिया.
जिसके बाद पवई थानाध्यक्ष संजय कुमार, सुनील कुमार सरोज, उपनिरीक्षक चंद्रजीत यादव, उपेंद्र यादव व सुरेंद्र यादव व 10 अन्य पुलिसकर्मी सात मार्च 2020 उनके घर पहुंच कर उनके स्कार्पियो की चाभी लेकर उनके पति व सेल्समैन संचित यादव को स्कार्पियो में बैठा कर स्वयं गाड़ी को चला कर पवई थाने ले गए.
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
इसके बाद पुलिस ने उक्त गाड़ी से भट्टे के निकट नाटी गांव के पास पवई माहुल रोड पर वाहन चेकिंग दिखा कर उसके पति इंद्रजीत व संचित यादव को शराब व गांजा के साथ गिरफ्तारी दिखाते हुए मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया. पीड़िता ने पति व संचित यादव की जमानत उच्च न्यायालय द्वारा चार जून 2020 को हुई. इसी दरमियान पीड़िता ने ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट आजमगढ़ के न्यायालय में वाहन को छुड़वाने के लिए 29 मई 2020 को आवेदन दिया था. जिस पर थाना पवई से रिपोर्ट मंगा कर न्यायिक मजिस्ट्रेट आजमगढ़ द्वारा 26 जून 2020 को उसके वाहन को उसे सौंपने का आदेश जारी किया गया, लेकिन बावजूद इसके थानाध्यक्ष संजय कुमार वाहन नहीं छोड़ा.
जब किसी अधिकारी ने सुनवाई नहीं की तो पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली. इस पूरे मामले पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने अहरौला थानाध्यक्ष को इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है.
इस मामले में एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि 26 सितंबर 2024 को माननीय सीजीएम महोदय आजमगढ़ से आदेश प्राप्त हुआ था. जिसमें 156 तीन के अंतर्गत तत्कालीन थानाध्यक्ष पवई संजय कुमार और अन्य 15 पुलिसकर्मियों के खिलाफ वादी के पति के साथ मारपीट गाली-गलौज और अवैध तरीके से गिरफ्तार करने के संबंध में मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्राप्त हुआ है. जो भी तथ्य प्रकाश में आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
बस्ती DM ने छोड़ी कुर्सी! एक दिन की जिलाधिकारी बनीं साक्षी, पीड़ितों की समस्याएं सुनीं