UP News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (Azamgarh) में चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल (Children Girls College) में कक्षा 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी (Shreya Tiwari) की मौत के मामले में पुलिस ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार कर लिया. एसपी अनुराग आर्य (Anurag Arya) ने दावा किया कि अब तक की जांच में छात्रा को मानसिक प्रताड़ना दी गई, जिसके बाद उसने छत से कूदकर जान दे दी. इसके साथ ही स्कूल के कुछ लोगों ने साक्ष्य मिटाया. मुकदमे में धारा 306 और 201 को जोड़कर मामले की जांच अब भी जारी है. बीते सोमवार को आजमगढ़ के हरबंशपुर (Harbanshpur) स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में छात्रा की संदिग्ध अवस्था में छत से गिरने से मौत हुई थी.


इस मामले में पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर हत्या का मुकदमा प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर दर्ज किया था. मंगलवार के बाद जिले में छात्रा की मौत को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला. सामाजिक और महिला संगठनों के साथ ही सड़क पर छात्र उतर आए. स्कूल को बंद करने के साथ आरोपियों की गिरफतरी की मांग कर रहे थे. गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में नामजद स्कूल की प्रिंसिपल सोनम मिश्रा, निवासी खत्री टोला, चौक शहर कोतवाली और क्लास टीचर अभिषेक राय, निवासी कृष्णा बिहार गली ख्वाजा जहांपुर, थाना कोतवाली, जिला मऊ को गिरफ्तार कर लिया. प्रिंसिपल के पास से छात्रा का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है.


प्रिंसिपल के ऑफिस में गई थी छात्रा


एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि हत्या के मुकदमे में आरोपी प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार किया गया है. सिधारी सीओ सीटी और महिला थाने की एसएचओ के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी. अब तक की जांच में सीसीटीवी के डीवीआर को जब्त किया गया है. इसको देखने पर पता चला कि दोपहर 12 बजे कक्षा से निकलकर छात्रा प्रिंसिपल के ऑफिस में गई फिर बाहर आने के बाद प्रिंसिपल के ऑफिस के आगे काफी देर तक खड़ी रही. उसके बाद वह करीब सवा एक बजे तेजी के साथ सीढ़ियों के रास्ते तीसरी मंजिल पर जाना प्रमाणित हुआ है.


साक्ष्य मिटाने की भी की गई कोशिश


अनुराग आर्य ने बताया कि एक अन्य फुटेज में छात्रा के गिरने वीडियो मिला है. फील्ड यूनिट ने बेंजडिन टेस्ट किया, जिसमें यह प्रमाणित हुआ कि जहां छात्रा गिरी थी, वहां ब्लड मौजूद था लेकिन उस ब्लड को स्कूल के कुछ लोगों ने पानी से धुल दिया था. यह साक्ष्य मिटाने का अपराध है. मुकदमे में धारा 201 को भी शामिल किया गया है. अभी तक की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि छात्रा के पास मोबाइल मिला था. इसकी प्रोफेशनल काउंसलिंग नहीं की गई बल्कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. घटना वाले दिन भी क्लास अटेंड कराने के बजाय उसे प्रिंसिपल रूम में मानसिक प्रताड़ना दी गई. प्रिंसिपल के रूम के बाहर सजा के तौर पर काफी देर तक खड़ा रखा गया. इसके बाद छात्रा ने यह कदम उठाया. इसलिए मुकदमे में धारा 306 और 201 का समावेश कर दिया गया है. मामले की विवेचना अब भी जारी है. इसमें जो भी लोग शामिल होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


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