लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश की हॉट सीट और सपा का गढ़ माने जानी वाली आजमगढ़ संसदीय सीट पर इस बार नेता बनाम अभिनेता का मुकाबला देखने को मिलेगा। 2019 के चुनावी दंगल में इस बार आजमगढ़ का सियासी पारा सपा के मुखिया अखिलेश यादव और हाल ही में बीजेपी का दामन थाप चुके भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने बढ़ा रखा है। 2014 में मुलायम सिंह यादव मामूली अंतर से आजमगढ़ का किला फतह कर पाए थे। 2019 का चुनावी माहौल अलग है, इस बार सपा-बसपा गठबंधन कर चुनाणी रण में बीजेपी का विजयरथ रोकने के लिए उतरी हैं।
क्या निरहुआ बनाएंगे अखिलेश की राह मुश्किल?
सवाल ये है कि क्या बीजेपी का भोजपुरी स्टार और लोकगायक निरहुआ पर दांव लगाना अखिलेश की राह में मुश्किलें पैदा कर सकता है? चुनावी पंडितों की मानें तो इस बार सपा मुखिया की राह आसान नहीं होगी। भले ही निरहुआ राजनीति में नया चेहरा हैं, लेकिन वो पहचान के मोहताज नहीं हैं। जातिगत समीकरणों की बात की जाए, तो दिनेश लाल यादव निरहुआ पिछड़ा वर्ग से आते हैं, साथ में ‘Y फैक्टर’ भी है। ऐसे में निरहुआ सपा-बसपा के वोटों में सेंधमारी करने में सक्षम हो सकते हैं।
अखिलेश-निरहुआ में होगा सीधा मुकाबला
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सीधा-सीधा मुकाबला अखिलेश और निरहुआ के बीच होगा। सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से यहां से अखिलेश यादव चुनावी मैदान हैं, जिनके खिलाफ बीजेपी ने निरहुआ को उतारा है। कांग्रेस पहले ही आजमगढ़ से अपने किसी भी प्रत्याशी को न उतारने का निर्णय ले चुकी है। ऐसे में नेता बनाम अभिनेता की चुनावी जंग में बाजी कौन मारेगा...ये देखना दिलचस्प होगा।
- 27 मार्च को निरहुआ ने बीजेपी की सदस्यता ली
- दो अप्रैल को सरकार ने Y-श्रेणी की सुरक्षा देने का ऐलान किया
- 3 अप्रैल को बीजेपी ने अखिलेश के खिलाफ आजमगढ़ से उम्मीदवार घोषित किया
2014 जैसे हालात नहीं...
यह भी एक सच्चाई है कि आजमगढ़ सीट पर इस बार के हालात 2014 जैसे बिल्कुल नहीं है। तब सपा एकजुट थी, नेताजी के साथ पूरा कुनबा था। मुलायम की जीत के लिए भाई शिवपाल यादव समेत पार्टी के दिग्गजों ने खूब पसीना बहाया था। हालांकि इस बार के चुनाव में समाजवादी नेता बिखरी हुई ताकत के साथ मैदान में हैं। 2019 के चुनावी रण में पारिवारिक महाभारत की जंग भी देखने को मिल रही है।
मामूली अंतर से जीते थे नेताजी
2014 की मोदी लहर में आजमगढ़ से महज 63 हजार वोटों के मामूली अंतर से मुलायम सिंह ने जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में मुलायम ने आजमगढ़ के अलावा मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ा था और जीते थे। बाद उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी। यहां हुई उपचुनाव में उनके भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव ने जीत हासिल की थी।
2014 चुनाव परिणाम
मुलायम सिंह यादव | सपा | 3,40,306 |
रमाकांत यादव | बीजेपी | 2,77,102 |
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली | बीएसपी | 2,66,528 |
अरविंद कुमार जायसवाल | कांग्रेस | 17,950 |
निरहुआ का +Factor
- पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक
- ‘वाई’ फैक्टर भी साथ
- भोजपुरी के सिनेस्टार, इसलिए पहचान के मोहताज नहीं
- सपा-बसपा वोटरों में सेंध मारने में सक्षम
- अखिलेश की तरह युवाओं में क्रेज