Azamgarh Kuntu Singh: माफिया ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दरअसल पहली बार कुंटू सिंह पर किसी मामले में आरोप सिद्ध हुआ है. आज़मगढ़ में गैंगस्टर कोर्ट नं 5 के न्यायाधीश रामानंद ने गैंगस्टर के मामले में माफिया कुंटू सिंह समेत 11 के खिलाफ दोष सिद्ध किया है. गुरुवार को सभी को सजा सुनाई जाएगी.

 

12 वर्ष पूर्व के मामले में ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू दोषी

बता दें कि करीब 12 वर्ष पहले जीयनपुर कोतवाली में  स्टेट बनाम ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह समेत 11 लोगों को आरोपी बनाकर विशेष जज गैंगस्टर कोर्ट  रामानंद की अदालत में 25 जून 2011 को पुलिस ने चार्ज शीट दाखिल की थी.  11 आरोपियों में से दो आरोपी पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह व उसके एक साथी गिरधारी उर्फ कन्हैया की मौत हो चुकी है अब कुल 9 आरोपी में बलिकरण यादव उर्फ साधु यादव, मुन्ना सिंह, राजेंदर यादव, शिव प्रकाश उर्फ प्रकाश, मोहर सिंह, योगेश सिंह उर्फ सोनू सिंह, राम नारायण सिंह उर्फ रिंकू, शिवेश सिंह समेत गैंग का लीडर ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह शामिल हैं..मामले में 302, 307, 120 बी, सीएलए एक्ट, लोक संपत्ति अधिनियम समेत गैंगचार्ट में कुल 6 मुकदमें दर्ज है. तब से लगातार कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई हो रही थी. बुधवार को कोर्ट ने ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह समेत 9 को दोषसिद्ध पाया. सभी दोषियों के खिलाफ अब कोर्ट सजा का फैसला सुनाएगी. 



कुंटु सिंह उत्तर प्रदेश के टॉप अपराधी गिरोह d11 का मुखिया है
कुंटू सिंह पूर्वी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना हुआ है.  कुंटु सिंह उत्तर प्रदेश के टॉप अपराधी गिरोह d11 का मुखिया है.  यह गिरोह रंगदारी फिरौती हत्या जैसे संगीन मामलों में लिप्त रहता है.  इसी से इसे  मोटी कमाई होती है. पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू सिंह कि वर्ष 2013 में दिनदहाड़े हुई हत्या में कुंटू सिंह का नाम आया था और वही लखनऊ में चर्चित हत्याकांड जिसमें अजीत सिंह को गोलियों से भूनकर हत्या की गई उसमें भी कुंटू सिंह का ही नाम आया था. दरअसल अजीत सिंह ही सीपू सिंह हत्याकांड में गवाह था. अजीत सिंह हत्याकांड के बाद आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक सुधीर सिंह ने कुंटू सिंह पर शिकंजा कसा.  जिलाधिकारी के निर्देश पर उसके मकान और स्कूल को ध्वस्त करा दिया था और जमीनों को कुर्क भी कर लिया था
इधर कुंटू  सिंह जेल से बैठकर ही अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया करता था. जिसकी वजह से कुछ माह पूर्व इसे आजमगढ़ से कासगंज जेल में शिफ्ट किया गया और इस समय वह कासगंज जेल में बंद है. 

 

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