Azamgarh News Today: आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील में एक नहर का बांध रविवार (22 दिसंबर) को टूट गया. नहर का बांध टूटने से सैकड़ों बीघे फसल जलमग्न हो गई. घटना की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और नहर की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया.
दरअसल, आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील के फरिहा क्षेत्र से गुजरने वाली शारदा सहायक खंड-32 नहर का बांध रविवार की देर रात में टूट गया. इस नहर के आस पास के क्षेत्र में किसानों ने सैकड़ों बीघा फसल बोई है. नहर टूटने से ये फसलें नष्ट हो गई. फसल डूबने से किसान परेशान है.
किसानों ने की मुआवजे की मांग
इस मामले में फरिहा गांव के किसान तैयब ने बताया कि नहर के टूटने की वजह से उनका काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि इस विपदा में सिर्फ मेरा ही नहीं बल्कि आसपास के लोगों का भी काफी नुकसान हुआ है. तैयब ने बताया कि नहर में पानी का दबाव अधिक था और रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा था, जिसकी वजह नहर टूटी और फसलें जलमग्न हो गई.
पीड़ित किसान तैयब ने रूंधे गले से बताया कि अब खेतों को सूखने में काफी समय लगेगा और ऐसी स्थिति में नई फसल की बुवाई भी नहीं हो पाएगी. जब हमने धान लगाया था तो धान की पैदावार भी काफी खराब हुई थी. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि गेहूं की फसल अच्छी होगी, लेकिन नहर टूटने की वजह से गेहूं की फसल भी खत्म हो गई. तैयब ने गेहूं के फसल के नुकसान होने पर सरकार से मुआवजा देने की मांग की.
DM-SDM ने नहीं उठाया फोन
घटना की सूचना मिलते लालगंज के पूर्व सांसद डॉक्टर बलिराम पीड़ित किसानों से मिलने पहुंच गए. किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व सांसद बलिराम ने एसडीएम निजामाबाद से बात करने की कोशिश की. पूर्व सांसद ने कहा कि एसडीएम निजामाबाद ने उनका फोन नहीं उठाया.
पूर्व सांसद बलिराम ने कहा कि जब मैं ने किसानों की समस्या को आजमगढ़ जिला अधिकारी को अवगत कराना चाहा, तो फोन पीआरओ ने उठाया और कहा कि साहब मीटिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भले ही अधिकारियों ने मेरा फोन नहीं उठाया लेकिन मैं फिर भी किसानों की समस्या से अधिकारियों को अवगत कराऊंगा और उनके मुआवजे के लिए सरकार से अनुरोध करूंगा.
किसानों ने लगाए लापरवाही का आरोप
पीड़ित किसानों में वहाजुद्दीन, तैयब, अबरार, अबू तल्हा, गजराज, कालिका प्रसाद, हारून, नन्हे जैसे कई अन्य ने अभी 10 दिन पहले गेहूं की बुवाई की थी. कुछ खेतों में गेंहू की पौध निकल गई थी. अचानक नहर टूटने से गेंहू की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई.
किसानों का कहना है कि खेत में पानी भरने से बीज सड़ जाएंगे. जिनमें पौधे लग गए थे वे भी सूख जाएंगे, इसकी वजह ये है कि खेत में तीन फीट तक पानी भरा हुआ. अब गेहूं की बुवाई का सीजन भी खत्म हो गया है. ऐसे में दोबारा गेहूं बोया भी नहीं जा सकता है, जिससे किसानों का काफी नुकसान हुआ है.
फरिहा गांव के किसान हारून ने आरोप लगाया कि नहर विभाग की लापरवाही की वजह से टूटी है क्योंकि नहर के रखरखाव का कार्य अधिकारी कर्मचारी ठीक से नहीं करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी रखरखाव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं. इस समय जब नहर में पानी की बहुत जरूरत नहीं है, तो ऐसे में भारी मात्रा में पानी जो छोड़ा जाना और नहर का रखरखाव सही तरीके से न होना हम किसानों पर भारी पड़ गया. हारून ने सरकार मुआवजा देने की मांग की है.
जेई ने क्या कहा?
नहर विभाग के जेई आलोक गुप्ता ने कहा कि रात में नहर अचानक टूट गई, जिसकी वजह से आसपास के खेत जलमग्न हो गए. नहर टूटने की सूचना मिलते ही हम लोग मौके पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि नहर के टूटे हुए हिस्सों को फौरन ठीक कराया गया है, जिससे खेतों में नहर का पानी जाना बंद हो गया है.
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