Azamgarh News: आजमगढ़ (Azamgarh) में बंदरों के आतंक से लोगों का जीना दूभर हो गया है. इसी मुद्दे को लेकर भारत रक्षा दल नामक सामाजिक संगठन ने शुक्रवार को डीएम कार्यालय पहुंच कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बंदरों की संख्या पर लगाम लगाने की मांग की. संगठन के लोगों का कहना है कि बंदरों के आतंक से आए दिन महिला और बच्चे जख्मी हो रहे हैं लेकिन इसपर किसी को कोई सुध नहीं है. सबसे बुरी हालत शहर के मध्य में घनी आबादी वाले इलाकों की है. 


क्या है पूरा मामला?
आजमगढ़ में आए दिन बंदरों के काटने से या भय से भागने के चक्कर में महिलाएं और बच्चे जख्मी हो रहे हैं. अभी 1 हफ्ता पहले ही शहर के मातबरगंज में स्थित जिला महिला अस्पताल में तीन मंजिला से किशोर बंदर के धक्का मारने से छत से सीधे नीचे गिरा था. संयोग था कि बिजली के इंसुलेटेड तार में फंसकर जमीन पर गिरने से जान बच गई. दो दिन पहले ही आसिफगंज इलाके में अपने मामा के यहां से अलीगढ़ से आई 20 साल की युवती भी छत से बंदर के डर से भागने के चक्कर में सीधे नीचे बाउंड्री पर गिरी और दो नुकीली सरिया उसके आरपार हो गई. दोनों ही गंभीर घायल अस्पताल में जीवन मौत से संघर्ष कर रहे हैं. 


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बंदरों के काटने के दर्जनों मामले 
इसके अलावा सामान्य तौर पर काटने के दर्जनों मामले हैं. लगातार बढ़ते मामलों से कई लोग सुरक्षा की दृष्टि से अपने घर की छत पर लोहे की ग्रिल लगा रहे हैं. साफ है जिनको पिंजरे में रहना चाहिए वो खुलेआम लोगों को डरा रहे और आम लोगों को अपने ही घरों में पिंजरों में कैद होना पड़ रहा है. वहीं इस मामले पर अपर जिलाधिकारी फाइनेंस आजाद भगत सिंह ने कहा कि बंदरों से लोगों को होने वाली समस्या की बात संज्ञान में आई है और जल्द ही इस समस्या के निराकरण के लिए  स्वयंसेवी संगठनों, आम जनता और व्यापारिक संगठनों से बातचीत करके समस्या के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे.


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