Azamgarh में वामपंथी नेता राजेश आजाद की तलाश में NIA की छापेमारी, नक्सली गतिविधियों से जुड़े होने का शक
Azamgarh News: आजमगढ़ में एनआईए की टीम ने वामपंथी विचारधारा से जुड़े राजेश आजाद के ससुराल में छापेमारी की, इस दौरान एनआईए की टीम के साथ स्थानीय पुलिस भी मौजदू रही.
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Azamgarh News: यूपी के आजमगढ़ (Azamgarh) में तहबरपुर थाने के बैरमपुर गांव में मंगलवार सुबह करीब 5 बजे NIA ने वामपंथी विचारक राजेश आजाद के नक्सली गतिविधियों से जुड़े होने के शक में छापेमारी की. यहां पर राजेश आजाद की ससुराल है, जहां छापेमारी की गई. परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए की टीम राजेश आजाद को खोजते हुए यहां आई थी, लेकिन वो यहां नहीं मिले, वो करीब 20 दिन पहले यहां आए थे.
राजेश मूल रूप से देवरिया जिले के निवासी हैं और जन मुक्ति मोर्चा नाम से संगठन चलाते हैं. इसके अलावा और कोई कार्य नहीं करते हैं. यहां बैरमपुर गांव में घर के नाम पर एक कोठरी है. टीम ने कोठरी में रखे झंडा, बैनर, पर्ची के आलावा वामपंथी साहित्यों को लगभग पांच घंटे तक खंगाला. घर पर केवल राजेश आजाद की 70 वर्षीय सास तीजा देवी रहती हैं. एनआईए की टीम के साथ तहबरपुर व फूलपुर कोतवाली की पुलिस मौजूद रही. पुलिस के हाथ यहां कोई ठोस दस्तावेज लगा या नहीं लगा इसकी जानकारी नहीं हो सकी. करीब 6 घंटे छापेमारी के दौरान वहां बाहरी किसी को फटकने नहीं दिया गया. एनआईए व पुलिस की संयुक्त छापेमारी से गांव में हड़कंप मचा रहा.
एनआईए की टीम ने की छापेमारी
दरअसल, राजेश आजाद की आजमगढ़ के मंदुरी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के खिलाफ चल रहे खिरिया बाग के आन्दोलन में भी सक्रिय भागीदारी है. राजेश के ससुराल वालों ने बताया कि वह हर 15-20 दिन में आजमगढ़ आते थे और खिरिया बाग में आंदोलन में शिरकत करते हैं. उन्होंने कहा कि राजेश का विवाह करीब 10 साल पहले हुआ था. जब भी उन्हें समय मिलता है तो वो आजमगढ़ आते हैं, आखिरी बार वो 15 अगस्त को यहां आए थे और खिरियाबाग आंदोलन में भी शामिल हुए थे.
कमरे में मिला ये सामान
ससुराल वालों का कहना है कि उनके कमरे में वामपंथी विचारधारा से जुड़े किताबें साहित्य हैं. कमरे में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, भगत सिंह और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा लगी हुई है. एनआईए की टीम ने करीब 5 घंटे तक कमरे की तलाशी ली और वापस लौट गई. उन्होंने बताया कि राजेश स्वभाव से मिलनसार हैं और जब भी गांव में आते हैं तो लोगों से मिलते हैं. एनआईए की इस कार्रवाई से एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ 300 दिन से अधिक से चल रहे खिरियाबाग में सन्नाटा पसरा हुआ है. प्रतिदिन यहां सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग धरने पर पर बैठते थे लेकिन इस कार्रवाई के बाद सन्नाटा दिखाई दिया.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सीपीआई (माओवादी) मामले में प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, आज़मगढ़ और देवरिया जिलों में छापेमारी की है. यहां पर सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया. कहा जा रहा है कि उत्तरप्रदेश में नक्सल गतिविधियों से संबंधित जुड़े एक मामले में आगे की तफ्तीश के लिए जांच एजेंसी द्वारा यह कार्रवाई की.
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