Azamgarh News: आजमगढ़ में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकारी कर रहे वसूली? छात्रों ने किया हंगामा तो मिला ये आश्वासन
आजमगढ़ में अभ्यर्थियों से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर वसूली की जा रही है. इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने बारिश में प्रदर्शन किया. BJP के जिला महामंत्री ने सीएमओं पर वसुली करने का आरोप लगाया है.
UP News: आजमगढ़ नौकरी पाने के लिए दिन-रात जद्दोजहद करने के बाद और दूसरे जनपदों में चक्कर लगाकर परीक्षा पास करने वालों से स्वास्थ्य विभाग धड़ल्ले से अवैध वसूली कर रहा है. स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने की ऐवज मे विभागीय अधिकारी हर अभ्यर्थी से 100 रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक वसूली किए जाने से नाराज छात्रों ने सीएमओं कार्यालय पर हंगामा करने के साथ ही प्रदर्शन किया. दरअसल, बेरोजगारी की मार से जूझ रहे युवा नौकरी पाने के लिए दिन-रात भागदौड़ और मेहनत कर रहे हैं.
वसूली के खिलाफ छात्रों ने किया प्रदर्शन
युवाओं को नौकरी पाने के लिए और प्रतियोगी परीक्षा पास करने के लिए दूसरे जनपदों मे रहकर पढ़ाई करनी पड़ती है. किसी तरह प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय में जाकर कागजों का सत्यापन कराना होता है. इसी क्रम में अभ्यर्थियों से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी मांगा जाता है. स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया अगर वैसे देखी जाए तो सरल है, इसके लिए मात्र 32 रुपये 75 पैसे फीस निर्धारित है लेकिन आजमगढ़ जिले में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने की एवज में छात्रों से 100 से पांच सौ रुपये तक वसूले जा रहे हैं. जिससे नाराज छात्रों ने सीएमओ कार्यालय में प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने बारिश के बाद भी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया.
बीजेपी ने लगाया सीएमओ पर वसूली करने का आरोप
छात्रों का आरोप है कि उनके आवेदन को जमा करा लिया जाता है और फिर थर्ड पार्टी से सौ-सौ रुपये वसूलने के बाद ही स्वास्थ्य प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. वहीं बीजेपी के जिला महामंत्री का आरोप है कि इसके पहले भी लिखित शिकायत की गई थी तो सीएमओ ने सम्बन्धित को हटाया जरूर लेकिन फिर वसूली शुरू हो गयी है.
क्या कहा मुख्य चिकित्साधिकारी ने ?
वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आईएन तिवारी का कहना है कि वे तहसील दिवस से लौटकर वापस आए तो देखा कि कार्यालय में भीड़ है. पूछा तो पता चला स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के लिए छात्र शिकायत कर हंगामा कर रहे है. जानकारी के बाद सम्बन्धित को तत्काल निर्देश दिया गया कि बच्चों लाइन में खड़ाकर टोकन बांटकर उनका स्वास्थ्य प्रमाण पत्र दिया जाए. इसी बीच छात्र संघ के लोग भी पहुंचे और उन्होंने अपना विरोध शुरू कर दिया. पिछले वर्ष भी इसी तरह से मामला आया था तो कार्रवाई की गई थी अगर शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी.