UP News: आजमगढ़ के चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज में छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के मामले में स्कूल से गिरफ्तार स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर के विरोध में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने 8 तारीख को पूरे प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के बंद का ऐलान किया था. इसी कड़ी में आज 9 अगस्त को अभिभावक संघ ने स्कूल एसोसिएशन के विरोध में अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने का ऐलान किया. अभिभावक संघ द्वारा इस विरोध का आजमगढ़ के स्कूलों में मिला-जुला असर देखने को मिला. स्कूलों में 40 से 50 फ़ीसदी छात्र ही उपस्थित हुए. बाकी अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा.


अभिभावक संघ से जुड़े लोगों का कहना है कि उनके बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की होती है. उन्होंने कहा कि हमारी बच्ची श्रेया स्कूल गई थी और वहां उसको मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया और न जाने क्या हुआ जिसके बाद उसने कूदकर अपनी जान दे दी. इस स्थिति में अभिभावक संघ के लोगों का कहना है कि स्कूल अपनी जिम्मेदारी मानने की बजाय  8 अगस्त को पूरे प्रदेश में स्कूल बंद कर दोषी लोगों के साथ खड़ा है. अभिभावक संघ ने स्कूलों के 8 के बंद के विरोध में आज 9 तारीख को अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने का फैसला लिया था. आज स्कूल पहुंचे बच्चों के अभिभावकों से जब पूछा गया कि क्या वह अभिभावक संघ के विरोध के साथ नहीं है तो कुछ अभिभावक स्कूल प्रबंधन के साथ दिखे तो वहीं कुछ ने कहा कि उन्हें आज के बंद की जानकारी नहीं थी.


क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं के मोबाइल ले जाने पर रोक लगी है. 28 जुलाई 2023 को श्रेया के पास से मोबाइल मिलने पर टीचरों ने उससे पूछताछ की थी. इसके बाद 31 जुलाई को फिर से इस मामले में श्रेया से पूछताछ की गई. श्रेया के परिजनों क आरोप है कि उसको प्रिंसिपल और क्लास टीचर ने काफी देर खड़ा कराए रखा और प्रताड़ित भी किया. टीचरों के द्वारा इस तरह के बर्ताब से दुखी होकर श्रेया ने विद्यालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी. श्रेया को अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई. पुलिस ने प्राथमिक जांच में प्रिंसिपल व शिक्षक को जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज होकर एसोसिएशन ने स्कूल बंद कर काली पट्टी बांध टीचरों के स्कूल में पहुंचने का निर्णय लिया था. 


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