Azamgarh Crime News: आजमगढ़ (Azamgarh) में कागजों पर और बिना मानक के करीब 300 मदरसे चलाने के मामले में एसआईटी (SIT) ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Minority Welfare Department) के रजिस्ट्रार, तीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, लिपिक, वक्फ निरीक्षक समेत सात अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनके खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी धन का गबन, आपराधिक साजिश रचने, सुबूत नष्ट करने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, इसकी सूचना के बाद से आजमगढ़ में जिला अल्पसंख्यक विभाग में हड़कंप की स्थिति है. विभाग के कर्मचारी ने पुष्टि की है कि दोषियों में शामिल एक अधिकारी रिटायर हो चुके हैं.


पोर्टल पर अपलोड मदरसों का सत्यापन कराया जा रहा था, तभी मानक के विपरीत संचालित हो रहे 313 मदरसों की जांच कराई गई. इनमें से अस्तित्वहीन मदरसों को फर्जीवाड़ा करके मान्यता देने, जांच से संबंधित दस्तावेजों को गायब करने और इनको पुरोनिधानित मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत भुगतान करके शासकीय धन का गबन करने के मामले में 7 लोगों को दोषी पाया गया. इसकी जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई. दोषियों में आजमगढ़ के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तत्कालीन रजिस्ट्रार जावेद असलम, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लालमन, अकील अहमद और प्रभात कुमार, लिपिक सरफराज, वक्फ निरीक्षक मुन्नर राम, लिपिक वक्फ ओमप्रकाश पांडेय शामिल हैं.


अल्पसंख्यक विभाग के क्लर्क ने की कार्रवाई की पुष्टि
अल्पसंख्यक विभाग के वरिष्ठ लिपिक मनोज राय ने बताया कि उन लोगों को भी समाचार पत्र से लखनऊ में मुकदमा दर्ज किए जाने की जानकारी मिली है. मामले में एसआईटी ने विस्तृत जांच की थी. जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज होने की सूचना मिली है वे अलग-अलग समय में आजमगढ़ में तैनात रहे हैं. वर्तमान में एक अल्पसंख्यक अधिकारी रिटायर भी हो चुके हैं.


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