Azamgarh News Today: आजमगढ़ पुलिस ने एक ऐसा कारनाम किया है, जो किसी फिल्म स्टोरी की तरह लगती है. इस घटना को सुनकर लोग पुलिस की तारीफ करने से नहीं थक रहे हैं और ये क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, 49 साल पहले एक महिला अपने घर-परिवार से बिछड़ गई, लेकिन पुलिस ने अब अपनी सूझबूझ और मेहनत से खोये हुए परिवार से दोबारा मिला दिया.
जिस समय महिला गायब हुई थीं, तब उनकी उम्र महज 8 साल थी. जब एक बच्ची के रूप में वह गायब हुई थीं तब उन्हें सिर्फ अपने गांव च्यूंटीडांड़ जिला आजमगढ़ का नाम याद रहा. इस याददाश्त के सहारे आज 49 साल बाद अपने परिवार से मिल सकीं. उनको यह भी याद था कि घर के सामने एक कुआं है.
महिला का नाम फूला देवी है और वह वर्तमान में रामपुर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में बतौर रसोईया काम कर रही हैं. जिस प्राथमिक विद्यालय में कार्य कर रही हैं, वहीं की एक महिला अध्यापिका ने फूला देवी की कहानी सुनी. अध्यापिका ने फूलो देवी को भरोसा दिलाया कि उनके एक परिचित पुलिस अधिकारी आजमगढ़ में तैनात हैं, उनसे संपर्क कर वह उसके परिवार का पता लगाने की कोशिश करेंगी.
सिर्फ गांव का नाम था याद
इसके बाद अध्यापिका ने आजमगढ़ एसपी सिटी शैलेंद्र लाल से संपर्क साधा. एसपी सिटी के प्रयास से आजमगढ़ पुलिस फूला देवी के परिवार की तलाश में जुट गई. तब पता चला कि फूला देवी जिस च्यूंटीडांड़ का नाम ले रही हैं, वह मऊ के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में स्थित है. जो पहले आजमगढ़ जिले का हिस्सा हुआ करता था.
इस जानकारी के बाद लाटघाट चौकी प्रभारी जफर खान ने फूला देवी के परिवार का पता लगाना शुरू किया तो उनके परिवार के लोग मिलते गए. पता चला कि फूला देवी के मामा रामचन्दर च्यूंटीडांड़ में रहते हैं. जिनके घर के बाहर आज भी कुआं है.
हालांकि फूला देवी के तीन मामा में से एक ही मामा रामहित जिंदा हैं. यह भी पता चला कि फूला देवी का एक ही भाई है, जिसका नाम लालधर है. उनके भाई लालधर आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के ग्राम वेदपुर में रहते हैं. इसके बाद पुलिस ने रामपुर से फूला को आजमगढ़ लाकर परिवार से मिलवाया.
'बाबा ने चुरा कर बेच दिया'
फूला देवी बताती हैं कि उन्हें बचपन में किसी मेले में कोई बाबा अपने साथ ले गया था और फिर साधु ने उन्हें लालता प्रसाद के हाथों बेच दिया. इसके बाद लालता प्रसाद ने उनसे शादी कर ली. अब लालता प्रसाद इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह अपने बेटे के साथ रामपुर में ही रहती है. फूला देवी आजमगढ़ पुलिस का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रही हैं.
सालों बाद खोई बहन मिलने पर फूला देवी के भाई लाल धर कहते हैं कि जिस वक्त वह गायब हुई थीं, मेरी उम्र सिर्फ 10 साल की थी और बहन की उम्र 8 साल थी. उन्होंने कहा कि अब मेरी बहन मिल गई है. मुझे बहुत खुशी है. मेरे पास पुलिस को देने के लिए आशीर्वाद के सिवा कुछ और नहीं है. अगर कुछ और होता तो वह भी दे देता. 49 साल बाद बहन के परिवार से मिलने पर पूरा परिवार खुश है.
पुलिस ने क्या कहा?
आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने कहा कि की पुलिस का यह भी काम है कि बिछड़े हुए लोगों को आपस में मिलाए. ऑपरेशन मुस्कान के तहत एसपी सिटी शैलेंद्र लाल को एक जानकारी प्राप्त हुई थी कि 8 साल की एक- एक बच्ची 1975 में मुरादाबाद के किसी मेले में परिवार से बिछड़ गई थी.
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि उन्हें पता चला कि महिला को अपने गांव का नाम याद है. इस सूचना पर उन्होंने तत्परता दिखाते हुए तलाश शुरू की. 8 साल की वह बच्ची जो अब 57 साल की महिला के रूप में अपने परिवार से मिल रही हैं, उस महिला और उसके परिवार के साथ-साथ पुलिस के लिए भी बहुत खुशी की बात है.
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