Azamgarh News: आजमगढ़ में कब्रिस्तान की देखभाल करते हैं हिन्दू समाज के श्रीराम प्रजापति, सालों से कर रहे हैं निशुल्क सेवा
Azamgarh: आजमगढ़ के नेवादा गांव में मुस्लिम कब्रिस्तान की देखभाल हिन्दू समाज के श्रीराम प्रजापति करते हैं. वो कई सालों से यहां काम करते आ रहे हैं और हैरानी की बात है कि वो इसके लिए पैसे भी नहीं लेते.
Azamgarh News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक बार फिर भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली, जहां मुस्लिम कब्रिस्तान की देखभाल हिन्दू समाज के श्रीराम प्रजापति करते हैं. दरअसल यहां के निजामाबाद तहसील के एक छोटे से गांव नेवादा में श्री राम प्रजापति कब्रिस्तान की देखभाल करते आ रहे हैं और हैरानी की बात ये है कि वो इस काम के लिए किसी से कोई पैसा नहीं लेते हैं. वो पिछले कई सालों से यहां काम करते आ रहे हैं.
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल
श्री राम प्रजापति नेवादा गांव में बने कब्रिस्तान की देखभाल पिछले 10 से 15 साल से करते आ रहे हैं. उन्होंने इस कब्रिस्तान में अनेक तरह के पेड़ पौधे लगाएं हैं जिसकी वजह से ये बेहद खूबसूरत भी दिखाई देता है. इसके साथ ही उन्होंने कब्रिस्तान में एक छोटा सा गड्ढा बनाया है जिसमें उन्होंने मछलियों को पाला हुआ है. जिसे लोग देखने के लिए काफी दिलचस्पी रखते हैं. वही श्रीराम का कहना है कि लोगों को आपसी संबंध बनाकर रखना चाहिए लोगों को साथ मिलकर चलना चाहिए.
कब्रिस्तान की देखभाल करते हैं श्रीराम प्रजापति
कब्रिस्तान में श्रीराम प्रजापति के काम को देखकर गांववाले भी खुश हैं. ऐसे ही एक ग्रामीण शाबान ने बताया कि कब्रिस्तान की जो भी सुंदरता या फिर यहां जो पेड़ पौधे हैं वो सब उन्होंने ही लगाए हैं. प्रजापति का हरियाली से इतना लगावा है कि वो यहां पर अक्सर पेड़ लगाते रहते हैं और उनकी देखभाल भी करते हैं. यहां कई ऐसे पौधे हैं जिनकी खूबसूरती लोगों का मन मोह लेती है. शाबान ने कहा कि हमारे हिंदुस्तान की यही खासियत है यहां हिंदू-मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी लोग साथ में रहते हैं.
श्रीराम प्रजापति ने कही ये बात
इस बीच जब श्रीराम प्रजापति से लाउडस्पीकर विवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये विवाद गलत है आवाज तो सुबह-शाम हर गाड़ियों में भी होती है तो सबको बंद कर देना चाहिए. सिर्फ मस्जिद की आजान से ही ध्वनि प्रदूषण नहीं होता. कब्रिस्तान में काम करने को लेकर उन्होंने कहा कि मैं जब तक जिंदा रहूंगा तब तक यहां की सेवा करता रहूंगा.
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