UP Crime News: आजमगढ़ (Azamgarh) में सिर विहीन महिला की लाश के मामले में पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य (Anurag Arya) ने बड़ा खुलासा किया है. वहीं पुलिस और हत्या आरोपित प्रेमी के बीच मुठभेड़ हुई है. जिसमें मुख्य आरोपी प्रिंस यादव के पैर में लगी गोली है. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुठभेड़ अहीरौला थाना क्षेत्र के पश्चिमपट्टी गांव के पास रविवार के दिन में हुई.
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बलरामपुर पुलिस चौकी पर खुलासा कर बताया कि 16 नवंबर को जिस महिला की अहिरौला थाना के पश्चिम पट्टी गौरी का पूरा गांव में सड़क किनारे कुएं में लाश मिली थी. उसमें जो सिर गायब था, उसे वहां से करीब छह किलोमीटर दूर तालाब से बरामद किया गया है. इसी से महिला की शिनाख्त आराधना प्रजापति 22 वर्ष के रूप में की गई जो इसहाकपुर में अपने मायके में रह रही थी. शिनाख्त उसके पिता केदार और भाई सुनील प्रजापति ने की.
क्यों नाराज हो गया था आरोपी
वहीं शव के टुकड़े करने के लिए इस्तेमाल किए गए लकड़ी के बूटे और बांके को भी तालाब से बरामद किया गया हैं. एसपी ने बताया कि आराधना की इसी वर्ष फरवरी में कहीं और शादी हुई थी. जबकि आरोपी प्रिंस इस दौरान विदेश में कहीं काम कर रहा था. शादी की बात सुनकर वह यहां पर अपने घर पर आ गया. प्रिंस से युवती का दो वर्ष से प्रेम संबंध था इसलिए वह नहीं चाहता था कि इसकी कहीं और शादी हो. वह जब यहां आया तो उसने शादी तोड़ने का दबाव बनाया, जिसको आराधना ने मना कर दिया. जिससे वह नाराज हो गया.
प्रिंस के मां-बाप भी नहीं चाहते थे कि आराधना की कहीं और शादी हो. इसलिए वह प्रिंस के साजिश में शामिल हो गए. वही प्रिंस अपने मामा और मामी को भी अपने साजिश में शामिल कर लिया और अपने ममेरे भाई सर्वेश को भी हत्या की घटना में शामिल होने के लिए राजी कर लिया. 29 अक्टूबर को ही प्रिंस अपना गांव छोड़ दिया ताकि किसी और को पता ना चले और लड़की के साथ घटना से उसको कनेक्ट न किया जा सके. इसके बाद 9 नवंबर को उसने आराधना को अपने साथ चलने के लिए कहा लेकिन वह नहीं आई.
मामा का लड़का भी था शामिल
10 नवंबर को वह फिर अपने मामा के लड़के सर्वेश के साथ पहुंचा और मंदिर में दर्शन कराने के लिए कह कर उसको अपने साथ ले गया. इसके बाद रेस्टोरेंट पर खाना पीना खाया और फिर वह अपने मामा के घर आया. इसके बाद उसने घटना को अंजाम दिया. पहले गला घोट कर मारा फिर लड़की को कहीं और आसानी से ठिकाने लगाने के लिए उसका हाथ पैर काट दिया. शिनाख्त ना हो इसलिए सिर को और अन्य शरीर को अलग-अलग स्थानों पर फेंका.
उसने ऐसा कुआं चुना जो मुख्य मार्ग के किनारे था और ऊपर से झाड़ी से ढका था, इसलिए शव बरामद ना हो सके. लेकिन पुलिस जांच पड़ताल में लगी रही और अंत में सफलता मिली. आरोपी को ढूंढने में सबसे मुख्य भूमिका निभाने वाले अहिरौला थाने के सिपाही राजेश कुमार वर्मा और और सर्विलांस सेल के सिपाही यशवंत सिंह को पांच हजार का तत्काल नगद पुरस्कार भी एसपी ने अपने हाथों से दिया. एसपी ने बताया कि मामले से संबंधित लकड़ी का ठीहा और अन्य औजार, सामग्री को बरामद कर लिया गया है.