UP News: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) से पूर्व आतंकी साजिश का पर्दाफाश करते हुए आजमगढ़ (Azamgarh) से एक आतंकी को गिरफ्तार किया गया है. वह आईएसआईएस (ISIS) के रिक्रूटर से सीधे संपर्क में था. यूपी एटीएस (ATS) ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि उक्त आतंकी का नाम सबाउद्दीन आजमी है जो कि आजमगढ़ के अमिलो मुबारकपुर का रहने वाला है. पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देशन और अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के पर्यवेक्षण में अपर पुलिस महानिदेशक एटीएस द्वारा अलर्ट किया गया है. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की संवेदनशीलता को देखते हुए लगातार यूपी एटीएस के समस्त टीमों को अलर्ट करते हुए रेडिकल तत्वों पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है.


ऐसे मिली सूचना
इसी क्रम में यूपी एटीएस को सहयोगी एजेंसी से सूचना प्राप्त हुई. जिसमें बताया गया कि अमिलो आजमगढ़ स्थित मुबारकपुर में एक व्यक्ति अपने साथियों के माध्यम से आईएसआईएस विचारधारा से प्रभावित होकर व्हाट्सएप और विभिन्न सोशल मीडिया एप्लीकेशन के माध्यम से जिहादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा है. अन्य लोगों को भी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है. आरोपी को पूछताछ के लिए मुख्यालय लाया गया था.


जहां पूछताछ और मोबाइल डाटा खंगालने पर इसके द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा आतंक और जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों का ब्रेनवाश करने के लिए बनाए गए थे. जिससे टेलीग्राम चैनल AL-SAQAR मीडिया से जुड़े होने के प्रमाण मिले. वर्तमान समय में आरोपी सबाउद्दीन एआईएमआईएम का सदस्य है. 


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परिवार वालों का आरोप
हालांकि सबाउद्दीन के परिजन और उनके पड़ोसी एटीएस की कार्रवाई को सही नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि सबाउद्दिन्न बहुत सीधा-साधा था और बुनकर का काम करता था और कक्षा 8 तक पढ़ा है. वो पांच भाइयों में सबसे छोटा सबाउद्दीन है. इसके वालिद का इंतकाल 2007 में हो चुका है, वह सब्जी और फल बेचकर परिवार का पालन पोषण करते थे. बाद में परिवार बुनकारी का काम कर जीविकोपार्जन कर रहा है. परिवार वालों का कहना है कि उसे फसाया गया है.


AIMIM से जुड़ा था 
22 वर्षीय सबाउद्दीन की राजनीतिक महत्वाकांक्षा थी. वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से जुड़ा था और नगर निकाय चुनाव में वार्ड नंबर नौ से सभासद पद के प्रत्याशी के तौर पर तैयारी कर रहा था. विधानसभा चुनाव के दौरान उसने एआईएमआईएम के मुबारकपुर विधानसभा से प्रत्याशी रहे शाह आलम गुड्डू जमाली के लिए प्रचार भी किया था.


सबाउद्दीन के साथ ही यूपी एटीएस ने कस्बे के दो युवकों उमेर और जीशान को भी उठाया था. जिनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत ना मिलने के कारण लखनऊ बुलाकर परिजनों के हवाले कर दिया गयाय दोनों युवक भी बुनकरी का काम करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यूपी एटीएस की इस कार्रवाई से कहीं ना कहीं उनके कस्बा बदनाम हुआ है और लोग डरे हुए हैं.


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