(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Election 2022: आजमगढ़ में दिलचस्प है मुकाबला, 10 में सिर्फ एक सीट जीती थी BJP, जानिए- सभी सीटों का इसबार का समीकरण
UP Assembly Election 2022: आजमगढ़ की 10 विधानसभा सीटों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नामांकन किया. टिकट न मिलने से नाराज बागी कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन किया है.
UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश केआजमगढ़ (Azamgarh) की 10 विधानसभा सीटों में मुख्य राजनीतिक दलों के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन किया. कुछ सीटों पर राजनीतिक दलों को बागी प्रत्याशियों का भी सामना करना पड़ेगा. टिकट न मिलने से नाराज इन बागी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन किया है. जनपद में 2 संसदीय सीटें हैं. आजमगढ़ सदर और लालगंज सुरक्षित सीट. आजमगढ़ सदर से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सांसद हैं. लालगंज सुरक्षित सीट से बसपा की संगीता आजाद सांसद हैं. सदर लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें आती हैं
आजमगढ़ सदर सीट
इस सीट पर 1996 से 2017 तक सपा के दुर्गा प्रसाद यादव लगातार 6 बार चुनाव जीते. उन्होंने 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में लगातार जीत हासिल की. इस सीट पर आज तक किसी महिला उम्मीदवार को जीत नहीं मिली है.
गोपालपुर विधानसभा सीट
2017 के विधानसभा चुनाव में यह सीट समाजवादी पार्टी के पास रही. समाजवादी पार्टी के विधायक नफीस अहमद ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सपा की ओर से नामांकन किया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने सत्येंद्र राय को प्रत्याशी बनाया है. बसपा की ओर से रमेश यादव प्रत्याशी हैं तो वहीं कांग्रेस ने शाने आलम को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर एआईएमआईएम ने भी अपना प्रत्याशी उतारा है. मुख्य मुकाबला अभी तक बीजेपी, सपा और बसपा के बीच देखा जा रहा है.
सगड़ी विधानसभा सीट
यह सीट 2017 में बसपा के पास थी. बसपा के टिकट पर वंदना सिंह इस सीट से विधायक बनीं लेकिन कुछ माह पूर्व उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली और भाजपा ने उनको इस सीट से प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर सपा ने डॉक्टर एच एम पटेल को और बसपा ने कद्दावर नेता शंकर यादव को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने इस सीट पर राना खातून को प्रत्याशी बनाया
मुबारकपुर विधानसभा सीट
यह बहुजन समाज पार्टी के लिए काफी मुफीद सीट रही है. 1996 से लगातार इस सीट से बसपा का प्रत्याशी चुनाव जीतता रहा. 2012 में बसपा ने इस सीट से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाया और 2017 में शाह आलम फिर इस सीट से प्रत्याशी बने. उन्होंने पिछले वर्ष बसपा से त्यागपत्र दे दिया और कई मुलाकात उनकी अखिलेश यादव के साथ हुई. इससे चर्चा तेज हुई थी कि वे सपा से चुनाव लड़ सकते हैं. समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. अब वे एमआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर बसपा ने अब्दुल सलाम को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर बीजेपी ने सगड़ी विधानसभा से अपने पूर्व प्रत्याशी अरविंद जयसवाल को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने परवीन को सीट से प्रत्याशी बनाया. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी है. इस सीट पर मुस्लिम वोटों का बंटवारा हुआ तो फायदा बीजेपी को सकता है.
मेहनगर विधानसभा सीट
यह सीट 2017 में समाजवादी पार्टी के पास थी लेकिन इसबार समाजवादी पार्टी ने अपने सीटिंग विधायक कल्पनाथ पासवान का टिकट काटकर सीट सुभासपा को दे दी है. सुभासपा ने इस सीट से पूजा सरोज को प्रत्याशी बनाया तो वहीं बीजेपी ने मंजू सरोज को प्रत्याशी बनाया जो पिछला चुनाव सुभासपा के टिकट पर लड़ी थीं. बीएसपी ने पंकज कुमार को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने निर्मला भारती को अपना प्रत्याशी बनाया है. बसपा को छोड़कर महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों ने इस सीट पर महिला प्रत्याशी उतारे हैं.
लालगंज विधानसभा सीट
यह सीट 2017 में बसपा के पास रही. बसपा ने फिर से इस सीट से अपने विधायक आजाद आरी मर्दन को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने पूर्व सांसद नीलम सोनकर को प्रत्याशी बनाया है तो सपा ने 2012 में इस सीट से विधायक रहे बेचेई सरोज को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने इस सीट से पुष्पा भारती को प्रत्याशी बनाया है
दीदारगंज विधानसभा सीट
2017 के विधानसभा चुनाव में यह सीट बसपा के पास थी. बसपा के सुखदेव राजभर इस सीट से विधायक चुने गए लेकिन उन्होंने कुछ समय पूर्व एक पत्र लिखकर अपने पुत्र कमलाकांत राजभर को सपा में जगह दिलवाई. इसी बीच उनका देहांत हो गया. 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर 2012 में विधायक रहे और 2017 का चुनाव लड़ चुके आदिल शेख को टिकट ना देते हुए कमलाकांत राजभर को प्रत्याशी बनाया. इसे लेकर स्थानीय स्तर पर काफी नाराजगी भी देखी गई. बसपा ने इस सीट पर भूपेंद्र सिंह मुन्ना को प्रत्याशी बनाया है तो बीजेपी ने कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा को प्रत्याशी बनाया. इस सीट पर भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी है. ऐसे में ओलमा कौंसिल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेक्रेटरी हुजैफा आमिर को प्रत्याशी बनाया है हुजैफा आमिर के चुनावी मैदान में आने के बाद इस सीट पर समाजवादी पार्टी को नुकसान हो सकता है.
फूलपुर पवई विधानसभा सीट
2017 के विधानसभा चुनाव में जिले की 10 विधानसभा सीटों में से अकेली सीट फूलपुर पवई थी जिसपर भारतीय जनता पार्टी को विजय हासिल हुई. इस सीट पर रमाकांत यादव के पुत्र अरुण कांत यादव बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए. तब रमाकांत यादव भारतीय जनता पार्टी में थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान रमाकांत यादव ने सपा की सदस्यता ली लेकिन उनके पुत्र अरुण कांत यादव बीजेपी में ही रहे. चर्चा तेज हुई की पिता-पुत्र आमने-सामने चुनाव लड़ सकते हैं. समाजवादी पार्टी ने रमाकांत यादव को इस सीट से प्रत्याशी बनाया. समाजवादी पार्टी द्वारा रमाकांत यादव के नाम की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक का टिकट काट दिया उनके स्थान पर रामसूरत राजभर को भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बना दिया है. बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर शकील अहमद को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर मोहम्मद शाहिद को प्रत्याशी बनाया है. रमाकांत यादव के इस सीट पर प्रत्याशी बनने के बाद चुनावी गणित समाजवादी पार्टी के पक्ष में दिख रहा है.
निजामाबाद विधानसभा सीट
इस सीट पर 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर आलम बदी चुनाव जीते. समाजवादी पार्टी ने 2022 में फिर इनको प्रत्याशी बनाया है. आलम बदी के प्रत्याशी बनने के बाद कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा बगावत भी शुरू की गई लेकिन धीरे-धीरे वह शांत हो गई. बीजेपी ने इस सीट पर मनोज यादव को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने सीट पर अनिल यादव को प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने इस सीट पर डॉक्टर पीयूष यादव को प्रत्याशी बनाया है जबकि पीयूष यादव पिछले कई साल से भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे थे और उनको पूरी उम्मीद थी कि बीजेपी उनको टिकट देगी लेकिन बीजेपी ने उनको टिकट ना देकर मनोज यादव को प्रत्याशी बनाया. इससे नाराज पीयूष यादव बसपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं.
अतरौलिया विधानसभा सीट
2012 और 2017 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है. समाजवादी पार्टी के टिकट पर संग्राम यादव यहां से चुनाव जीते. संग्राम यादव सपा के कद्दावर नेता बलराम यादव के पुत्र हैं. 2022 में भी समाजवादी पार्टी ने संग्राम यादव को इस सीट से टिकट दिया है. बसपा ने इस सीट पर डॉ सरोज पांडे को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने इस सीट से रमेश चंद दुबे को प्रत्याशी बनाया है. यह सीट भारतीय जनता पार्टी ने निषाद पार्टी के लिए छोड़ दी. निषाद पार्टी के टिकट पर इस सीट से प्रशांत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी, सपा और बसपा के बीच होगा.
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