महाकुंभ भगदड़ में आजमगढ़ के महिला की मौत, पीड़ित परिवार के 4 सदस्य अभी भी हैं मिसिंग
Prayagraj Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई, मृतकों में एक महिला का ताल्लुक आजमगढ़ से है. इस परिवार के 4 लोग अभी भी मिसिंग हैं.
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Azamgarh News Today: प्रयागराज के महाकुंभ हादसे में आजमगढ़ की एक महिला की मौत हो गई. मृतका अपनी बेटी, बहू समेत अन्य 10 लोगों के साथ पवित्र स्नान के लिए महाकुंभ में पहुंची थी. हादसे के बाद उसकी बेटी अपनी छह महीने की बच्ची और भाभी के साथ मां को ढूंढती रही. घंटों बाद शव मिलने पर बेटी बिलख पड़ी. बुधवार रात करीब 10 बजे महिला का शव उसके घर पहुंचा, जिससे परिवार में कोहराम मच गया. इस परिवार के चार सदस्य अभी भी प्रयागराज में फंसे हुए हैं.
मृतका कमलावती चौहान (53) आजमगढ़ जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के रसूलपुर बरवा गांव की निवासी हैं. बीते 28 जनवरी को कमलावती चौहान अपनी बेटी आकांक्षा, उसकी 6 माह की बेटी अछिता और बहू सुषमा सहित कुल 10 लोग महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान के प्रयागराज पहुंचे थे.
भगदड़ में छूटा हाथ
मौनी अमावस्या पर स्नान के समय भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे यह बड़ा हादसा हो गया. भगदड़ के दौरान कमलावती चौहान का हाथ उनकी बेटी और बहू से छूट गया. इससे सभी अलग-अलग हो गए. भगदड़ में किसी तरह बेटी ने अपने छह माह की बेटी को तो बचा लिया लेकिन अपनी मां को नहीं बचा सकी. इस हादसे में कमलावती चौहान की मौत हो गई.
देर रात कमलावती का शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया. घटना की खबर लगते ही गांव में मातम पसर गया. शव के साथ सुषमा, आकांक्षा, मीना, जनीता, अक्षिता घर वापस आ गई हैं, जबकि उनके साथ गए आसमानी, कैलाशपति, बदामी और सविता अभी भी प्रयागराज में फंसे हुए हैं. अभी वह घर नहीं पहुंचे हैं. परिवार के लोग बार-बार फोन कर उनकी जानकारी ले रहे हैं.
मृतका कमलावती चौहान के पति बृजलाल चौहान परिवार का जीवन यापन करने के लिए खाड़ी देश कतर में रहकर काम करते हैं. इस समय वह कतर में ही हैं. महाकुंभ में पत्नी के मौत की खबर सुनते ही वह कतर से आजमगढ़ के लिए रवाना हो गए. परिवार के लोग उनके आने का इंतजार कर रहे हैं. उनके आने के बाद शाम को कमलावती के शव का अंतिम संस्कार किया गया.
'पीएम सीएम पर है भरोसा'
मृतका के पति बृजलाल ने बताया कि कि मैं कुवैत में नौकरी करता हूं. घर वालों और मोहल्ले वालों ने फोन पर बताया कि भगदड़ में आपके पत्नी की मौत हो गई है, जिसके बाद किसी तरह से मालिक से पैसा मांग कर टिकट खरीदा और तुरंत घर आ गया. उन्होंने बताया कि परिवार के सभी 10 सदस्य महाकुंभ में स्नान करने गए थे.
पीड़ित पति बृजलाल ने बताया कि सभी लोग बोल रहे थे कि 144 साल बाद शुभ संयोग बना है, फिर नसीब होगा कि नहीं इस नाते सभी स्नान करने गए. उन्होंने कहा कि परिवार में दो बेटे और तीन बेटियां हैं. दोनों बेटों की शादी हो चुकी है, हमारा सब कुछ उजड़ चुका है. अब मैं बेटियों की शादी कैसे करूंगा. सरकार अगर मदद करती है तो अच्छा होता, हमको मोदी और योगी सरकार पर पूरा भरोसा है.
बहू ने सुनाई आपबीती
मृतका की बहू सुषमा ने बताया कि हम लोग सेक्टर 21 में थे, जहां पर चौराहा है. हम लोग बाएं से जा रहे थे, बाकी लोग अपने साइड से आ रहे थे. अचानक भीड़ ज्यादा हुई, जिनको दाहिने से जाना था वह बाएं चले आए. पास में एक किसी साधु का पंडाल था, लेकिन उन्होंने हमारी कोई मदद नहीं की.
बहू सुषमा ने बताया कि भगदड़ के समय पुलिस वाले ने जब पंडाल खोलने की कोशिश की तो पुलिस वाले के ऊपर मिट्टी डाल दी गई. अगर पंडाल हट जाता तो इतने लोग की मौत नहीं होती. उन्होंने बताया कि हादसे के बाद सभी लोग अलग हो गए थे और मोबाइल का नेटवर्क भी काम नहीं कर रहा था.
मृतका कमलावती की बहू ने बताया कि घटना के बाद हमारी जेठानी ने फोन किया कि जहां पर हादसा हुआ था, वहीं पर वापस आओ. मौके पर पहुंच कर हमने देखा कि मेरी सास कमलावती की मौत हो गई है. मेरे परिवार से 10 लोग स्नान के लिए गए थे, अभी भी चार लोग फंसे हुए हैं.
'शव हैंडओवर पर नहीं दिए दस्तावेज'
मृतका कमलावती के रिश्तेदार शिवम चौहान ने बताया घटना की सूचना के बाद मैंने इन लोगों से किसी तरह से संपर्क किया, मुझे बताया गया कि मेडिकल कॉलेज में शव रखा हुआ है. कल दिन में 2 बजे शिनाख्त हो सकी फिर पंचनामा बनाकर कांस्टेबल के साथ शव भेजा गया. शव एम्बुलेंस से सरायमीर थाने लाया गया लेकिन हमें लिखित में कोई ऐसा दस्तावेज नहीं मिला है, जिसमें यह प्रूफ हो कि मौत महाकुंभ में भगदड़ के दौरान हुई है. शिवम ने बताया कि जब हमने लिखित दस्तावेज मांगा तो कहा गया कि प्रयागराज के जार्ज टाऊन थाने से बाद में मिल जाएगा.
मृतकों की संख्या है 30 से ज्याद?
बताया जा रहा है कि कुल 10 लोग यहां से महाकुंभ में स्नान के लिए गए थे, इसमें चार लोग एक ही परिवार के थे और पांच पट्टीदार थे. अभी भी इनमें कुछ लोग मिसिंग हैं. यह भी बताया गया कि मृतका कमलावती के शरीर पर लपेटे गए सफेद कपड़े पर संख्या 44 अंकित है, जबकि प्रशासन ने 30 लोगों के ही मौत की जानकारी दी है. ऐसे में आशंका है कि मरने वालों की संख्या ज्यादा है.
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