Azamgarh News: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत व बांग्लादेश में चल रहे अंतरराष्ट्रीय किडनी गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने चार बांग्लादेशियों समेत सात को गिरफ्तार किया है. इस मामले मे किडनी डोनर और रिसीवर दोनों ही बांग्लादेशी होते थे. नोएडा और दिल्ली के अस्पतालों में गैरकानूनी रूप से किडनी प्रत्यारोपण किया जाता था. आरोपी डोनर को साढ़े तीन लाख रुपये देते थे और प्राप्तकर्ता से 20 से 22 लाख रुपये लेते थे.
बताया जा रहा है कि किडनी रैकेट तीन वर्ष से ज्यादा समय से चल रहा था. किडनी रैकेट के इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तार आजमगढ़ से भी जुड़े हुए हैं. दिल्ली पुलिस ने महिला डॉक्टर समेत जिन 7 लोगों को गिरफ्तार किया है उसमे मोहम्मद शारिक पुत्र कलीम आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के बिंदवल गांव का निवासी है. जिसकी तलाश में दिल्ली पुलिस बीते 23 जून को आजमगढ़ आई थी.
''डोनर को भारत लाकर किडनी देने पर मजबूर किया जाता था''
दिल्ली पुलिस को 16 जून को सूचना मिली कि एक संगठित अपराध गिरोह के लोग गैरकानूनी रूप से किडनी प्रत्यारोपण का धंधा कर रहे हैं. इस पर दिल्ली पुलिस ने जसोला गांव में घेराबंदी कर चार बांग्लादेशी रसेल रोकोन, सुमन मियां और त्रिपुरा निवासी रतेश पाल को गिरफ्तार कर लिया. उनकी निशानदेही पर तीन प्राप्तकर्ता और तीन डोनर की पहचान की गई. अपराध शाखा ने मामला दर्जकर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि गिरोह के सदस्य बांग्लादेश में डायलिसिस केंद्रों पर जाकर किडनी की बीमारी से पीड़ितों को निशाना बनाते थे. ये किडनी डोनर भी बांग्लादेश में ही ढूंढते थे.डोनर को भारत लाया जाता था और फिर पासपोर्ट जब्त कर उन्हें किडनी देने के लिए मजबूर किया जाता था.
आरोपी करते थे जाली दस्तावेज तैयार
इसके बाद आरोपी रसेल और इफ्ति अपने सहयोगियों मोहम्मद सुमन मियां, मोहम्मद रोशन उर्फ राहुल सरकार और रतेश पाल के माध्यम से प्राप्त कर्ताओं/ डोनर के बीच पारिवारिक संबंध दिखाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार करते थे. जाली दस्तावेज के आधार पर अस्पतालों से प्रारंभिक चिकित्सा जांच कराते थे. इसके बाद दिल्ली और नोएडा के अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट करवाते थे. जांच के दौरान यह पाया गया कि डॉ. डी. विजया राजकुमारी का निजी सहायक विक्रम सिंह रोगियों की फाइलें तैयार करने में सहायता करता था और रोगी और डोनर का हलफनामा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था.
आरोपियों ने किया बड़ा खुलासा
मोहम्मद शारिक डॉ. डी. विजया राजकुमारी से मरीजों का अपॉइंटमेंट लेता था और पैथोलॉजिकल टेस्ट करवाता था और डॉक्टर की टीम से संपर्क करता था. गिरफ्तार आरोपियों रसेल अहमद, विक्रम सिंह और शारिक ने खुलासा किया कि डॉ. डी. विजया राजकुमारी को इन लोगों द्वारा जाली कागजात के आधार पर किए जा रहे प्रत्येक अवैध कार्य के बारे में पूरी जानकारी थी. तदनुसार, एक जुलाई को डॉ. राजकुमारी को भी गिरफ्तार किया गया.
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया आजमगढ़ का युवक
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया मोहम्मद शारिक पुत्र कलीम बीएससी मेडिकल लैब टेक्नीशियन तक पढ़ा है और यूपी के आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के बिंदवल गांव का रहने वाला है. वह मरीजों और दाताओं की प्रत्यारोपण फाइलों की प्रोसेसिंग के संबंध में निजी सहायक विक्रम और डॉ. विजया राजकुमारी के साथ समन्वय करता था.
जाली दस्तावेज बरामद
उत्तराखंड का रहने वाला का रहने वाला विक्रम वर्तमान में वह फरीदाबाद, हरियाणा में रहता है. आरोपी डॉ. डी. विजया राज कुमारी का सहायक है. डॉ. विजया राजकुमारी किडनी सर्जन और दो अस्पतालों में विजिटिंग कंसल्टेंट हैं. फिलहाल उसे अपोलो अस्पताल ने निलंबित किया हुआ है. तीन आरोपी मरीज हैं. इस कारण उन्हें गिरफ्तार करने की बजाय बाउन- डाउन किया गया है. अलग- अलग प्रमुखों यानी डॉक्टर, नोटरी पब्लिक, एडवोकेट आदि की 23 मोहरें किडनी मरीजों और दाताओं की छह जाली फाइलें, अस्पतालों के जाली दस्तावेज, जाली आधार कार्ड, जाली स्टिकर, खाली स्टाम्प पेपर, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप जिसमें आपत्तिजनक डेटा है, आठ मोबाइल फोन और 1800 यूएस डॉलर बरामद किए गए हैं.
किडनी रैकेट में आजमगढ़ के युवक का नाम
आजमगढ़ के एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि मोहम्मद शारिक को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस 23 जून को आजमगढ़ आई थी. दिल्ली पुलिस में बिलरियागंज थाने की पुलिस की मदद मांगी. थाना पुलिस की मदद से दिल्ली पुलिस मोहम्मद शारिक के घर गई लेकिन घर पर वह नहीं मिला. इसके बाद शारिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. एसपी ग्रामीण बताया कि दिल्ली पुलिस किडनी रैकेट के मामले में शारिक को गिरफ्तार करने आई थी. उन्होंने यह भी बताया कि शारिक दिल्ली में पैथोलॉजी संचालक है. दिल्ली के चर्चित अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट में आजमगढ़ के मोहम्मद शारिक का नाम जुड़ने से आजमगढ़ फिर एक बार चर्चा में आ गया है.
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