गोपेश्वर, एबीपी गंगा। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित भगवान शिव के धाम केदारनाथ मंदिर के कपाट आज ग्रीष्मकाल के लिये खोल दिये गये। आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर पूरे विधि विधान से साथ पवित्र धाम के पट खोल गये। अब अगले छह महिने तक बाबा की पूजा-अर्चना केदार धाम में ही होगी। कोरोना काल के चलते सोशल डिस्टैंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। कपाट खोले जाने के समय पुजारी को मिला सिर्फ 16 लोग ही मौजूद रहे। ऐसा पहली बार हो रहा है जब लॉक डाउन के चलते यहां भक्तों की भीड़ नहीं थी।


सुबह तीन बजे से केदार धाम के कपाट खोले जाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। बाबा के धाम को फूलों से सजाया गया था। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कपाट खुलने की परम्परा का निर्वहन किया। जबकि उनके साथ देवस्थानम बोर्ड के प्रतिनिधि के तौर पर बीडी सिंह समेत पंचगाई से संबंधित 20 कर्मचारी कपाट खुलने पर यहां पहुंचे। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के करीब 15 लोग यहां मौजूद रहे।





सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिये और किसी तरह से भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए प्रशासन ने किसी को भी केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी है। इसलिए कपाट खुलने के मौके पर काफी कम संख्या में लोग थे। मंगलवार को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया था कि कोरोना महामारी के चलते केदारनाथ के कपाट खुलने की परम्परा का सादगी से निर्वहन किया जाएगा, किसी भी दर्शनार्थी को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी गई है।


डाक से भेजा जाएगा भक्तों को प्रसाद
देवस्थानम बोर्ड को केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन के लिए कोरोना संक्रमण से पूर्व दस लाख की ऑनलाइन बुकिंग मिल चुकी थी। ये सभी बुकिंग महाभिषेक पूजा व रुद्राभिषेक पूजा की थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण श्रद्धालु धाम नहीं जा पाएंगे। बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि ऑनलाइन जितनी बुकिंग मिली है, उनकी पूजा कर प्रसाद डाक से भेजा जाएगा।


अक्षय तृतीया को खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को अक्षय तृतिया के मौके पर वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। गंगोत्री धाम के कपाट 12:35 व यमुनोत्री के कपाट ठीक दोपहर 12:41 पर खोले गए। दोनों धामों के कपाट खुलने के बाद आगामी छह माह तक श्रद्धालु धामों में मां गंगा व यमुना के दर्शनों के भागी बन सकेंगे। हालांकि लॉकडाउन के कारण कपाट खोलते वक्त श्रद्धालु नहीं पहुंच सके।