Baba Mulle Shah Dargah demolished in Etah: एटा जिले में बाबा का बुलडोजर विवादों में घिरता जा रहा है. कल एटा (Etah) के सिविल लाइन में बाबा मुल्ले शाह की दरगाह (Baba Mulle Shah Dargah) को जिला प्रशासन की तरफ से बिना किसी नोटिस और कानूनी आदेश के ध्वस्त कर दिया गया था. इसी मामले में आज सामाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने  7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को एटा भेजा. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर एटा पहुंचे 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर से तोड़ी गई बाबा मुल्ले शाह की दरगाह का निरीक्षण किया और मामले की जांच की. प्रतिनिधि मंडल ने दरगाह के केयर टेकर प्रेमपाल सिंह, सोनू कुमार और आसपास के लोगों से बातचीत कर मामले की हकीकत को जाना. 


अखिलेश यादव को सौपेंगे रिपोर्ट 
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष कंन्नौज के पूर्व सांसद और वर्तमान में दिवियापुर के विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर ये 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल आया है. द्वेष भावना के तहत दरगाह तोड़ने की कार्रवाई का हम विरोध कर रहे हैं और इसकी पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को देंगे. धर्म कोई भी हो चाहे मंदिर हो चाहे मस्जिद हो अगर इनको तोड़ने की कार्रवाई करेंगे तो हम लोग इसका विरोध करेंगे. बिना प्रमाण के चाहे दरगाह हो चाहे मंदिर हो नहीं तोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसकी जांच रिपोर्ट वो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौपेंगे और दरगाह को बुलडोजर से ध्वस्त करने के मामले को विधानसभा मे भी उठाएंगे और विधानसभा के पटल पर भी रखेंगे.


गलत काम हुआ है
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष परवेज जुबैरी ने बाबा मुल्ले शाह की दरगाह को प्रशासन द्वारा बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि ये तो बहुत गलत काम किया है, इस तरह का नहीं होना चाहिए. आपस में जो हमारी एकता बनी हुई है उस एकता को ये तोड़ने वाली बात हो गई.


प्रशासन ने गलत किया है
एटा नगर पालिका परिषद के सभासद रियाज अहमद खां का कहना है कि प्रशासन ने ये गलत किया है. इस दरगाह में सभी धर्मो के लोग आते हैं, चादरें चढ़ाते हैं, अपनी मन्नतें मांगते हैं. उनकी मन्नतें पूरी होतीं हैं. ये दरगाह बहुत पुरानी है. 70/80 साल पुरानी दरगाह है. अगर कोई कार्रवाई होती है तो प्रशासन की तरफ से नोटिस दिया जाता है. बिना नोटिस दिए प्रशासन मनमानी कर रहा है.


ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए
अध्यक्ष नगर पालिका परिषद एटा के प्रतिनिधि और पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद एटा राकेश गांधी ने कहा कि दरगाह पर काफी हिंदू, मुस्लिम लोग चादर चढ़ाने आते हैं, मैने देखा है कि बृहस्पतिवार को वहां लोग अगरबत्ती लगाने और मुराद मांगने आते हैं. अगर दरगाह तोड़ दी गई है तो ये मेरे विचार से ठीक नहीं है. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए इससे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगती है.


कोई नोटिस नहीं दिया गया
इस संबंध में दरगाह के केयर टेकर सोनू कुमार का कहना है कि इस दरगाह पर हर बृहस्पतिवार को काफी लोग आते हैं.पूजा-अर्चना करते हैं, चादर चढ़ाते हैं, मन्नते मांगते हैं. जब हमारा जन्म नहीं हुआ था तब की मजार बनी हुई थी. मजार को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है. हमने विरोध किया तो कहा कि ज्यादा बोलोगे तो एफआईआर कर दी जाएगी, तुम्हारे नाम. ये दरगाह करीब 100 साल पुरानी होगी. हिन्दू-मुसलमान दोनों इनकी पूजा करते हैं. दरगाह को तोड़ने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया.


दरगाह को सुरक्षित रखा जाएगा
अपर जिला अधिकारी प्रशासन एटा से जब पूछा गया कि ये दरगाह क्यों ध्वस्त कर दी गई तो उन्होंने कहा कि दरगाह सुरक्षित रखी जाएगी. दरगाह के ऊपर लोग कमरा बनाकर रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि दरगाह के ऊपर जो लोग कमरा बनाकर रह रहे हैं उसको तोड़ा जा रहा है. उन्होंने दरगाह भवन को ही दरगाह मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दरगाह को सुरक्षित रखा जाएगा.


सियासी रंग ले रहा है मामला 
कुल मिलाकर दरगाह पर बुलडोजर चलाकर उसको ध्वस्त कर देने के मामले में अब जिला प्रशासन फंस गया है. इधर जिम्मेदार स्थानीय लोगों ने भी इस कार्रवाई को अनैतिक और गलत बता रहे हैं. अब सामाजवादी पार्टी की तरफ से इस मुद्दे का विरोध करने, इसकी जांच को 7 सदस्यीय जांच दल भेजना और इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने और पटल पर रखने की घोषणा के बाद ये मुद्दा और गरमा गया है.


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