Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रही है. इसे लेकर रविवार को वाराणसी पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव ने बड़ी बात कही है. उनका कहना है कि ज्ञानवापी मामले को लेकर न्यायालय जो भी फैसला दे उसका सभी को सम्मान करना चाहिए. उन्होंने देश का नाम इंडिया बनाम भारत विवाद पर बोलते हुए कहा कि किसी को भारत से परहेज नहीं है.


दरअसल रविवार के दिन योग गुरु बाबा रामदेव वाराणसी पहुंचे थे. इस दौरान भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर, काशी कोतवाल काल भैरव और अन्नपूर्णा मंदिर में बाबा रामदेव ने दर्शन-पूजन किया. इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने काशी में बड़ा बयान देते हुए कहा कि 'हमारी सांस्कृतिक और विरासत के रूप में पहचानी जाने वाली सनातन की पहचान प्राचीन समय से है और भारत कहने में किसी को कोई परहेज नहीं होना चाहिए.'


सनातन संस्कृति हमारी पहचान


बाबा रामदेव के केंद्रीय कार्यालय से एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी पहुंचे बाबा रामदेव ने अनेक धर्म स्थलों पर दर्शन पूजन किया. इस दौरान उन्होंने वर्तमान समय में चल रहे इंडिया बनाम भारत नाम विवाद को लेकर अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा कि 'किसी को भी भारत कहने में कोई परहेज नहीं होना चाहिए. हमारे सनातन संस्कृति की पहचान प्राचीन समय से है, लेकिन अंग्रेजों ने गुलामी के समय हमारे देश को इंडिया नाम दे दिया था.'


न्यायालय का हो सम्मान


इस दौरान महीनों से चल रहे वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर भी बाबा रामदेव ने स्पष्ट करते हुए कहा कि 'न्यायालय का जो कुछ भी निर्णय इस मामले पर आता है, सभी को उसका सम्मान करना चाहिए. यह मामला अभी न्यायालय में है, भारतीय प्राचीन संस्कृति और विरासत से जुड़े इस मामले में जो कुछ भी निर्णय न्यायालय का होगा वह सभी को स्वीकार होना चाहिए.' इसके अलावा काशी के विकास को सराहते हुए योग गुरु नें यह भी कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश और सनातन धर्म मजबूत हो रहा है.'


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