बाबरी मामला: मुरली मनोहर जोशी बोले- अयोध्या में हुई घटनाओं में कोई षड़यंत्र नहीं था, कोर्ट का निर्णय ऐतिहासिक
जोशी ने कहा कि ''इसके बाद विवाद समाप्त होना चाहिए और सारे देश को मिलकर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए.''
![बाबरी मामला: मुरली मनोहर जोशी बोले- अयोध्या में हुई घटनाओं में कोई षड़यंत्र नहीं था, कोर्ट का निर्णय ऐतिहासिक Babri case: Murli Manohar Joshi said - there was no conspiracy in the incidents in Ayodhya, the court's decision is historic बाबरी मामला: मुरली मनोहर जोशी बोले- अयोध्या में हुई घटनाओं में कोई षड़यंत्र नहीं था, कोर्ट का निर्णय ऐतिहासिक](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2016/08/20170839/Murli-Manohar-Joshi.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को गिराए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. अदालत ने इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद मुरली मनोहर जोशी ने खुशी व्यक्त की है.
मुरली मनोहर जोशी ने कहा, ''आज लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने एक आऐतिहासिक निर्णय दिया है. वो निर्णय इस बात को सिद्ध करता है कि 6 दिसंबर को अयोध्या में हुई घटनाओं में कोई षड़यंत्र नहीं था, वो आकस्मिक था. हमारा स्वयं का आंदोलन का राम मंदिर निर्माण के लिए किया जा रहा था, बीजेपी के उस वक्त के अध्यक्ष के रूप में मैं सहयोग कर रहा था. इस का उद्देश्य जनजागरण करना और राम मंदिर के लिए देश भर में आंदोलन तैयार करना था और तथ्यों को लोगों के सामने रखना था.''
बीजेपी नेता जोशी ने कहा कि ''इसके बाद विवाद समाप्त होना चाहिए और सारे देश को मिलकर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए.''
अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया
बता दें कि अयोध्या में छह दिसम्बर 1992 बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल बाद अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने ये भी कहा कि मस्जिद का विध्वंस सुनियोजित नहीं था. अदालत ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले.
अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. मामले में आडवाणी, जोशी, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और सतीश प्रधान को छोड़कर सभी 26 अभियुक्त फैसले के वक्त अदालत में मौजूद थे. जज ने कहा कि आरोपियों के ऑडियो में आवाज साफ नहीं थी.
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