अलीगढ़, एबीपी गंगा। महिला अस्पताल में प्रसव के बाद संगीता को भले ही एक बच्चा सौंपा गया हो, मगर उसकी कोख में दो ही जुड़वा बच्चे ही पल रहे थे। संगीता का अल्ट्रासाउंड करने वाले दीनदयाल अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जगमोहन शर्मा ने पुलिस को ऐसा ही बयान दिया है। उन्होंने जुड़वा बच्चों वाली अपनी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट पर मुहर लगा दी है। रेडियोलॉजिस्ट के दावे से अस्पताल प्रबंधन की परेशानी बढ़ गई है।
10 जून को बोले परिजन
क्वार्सी क्षेत्र के गांव हैवतपुर प्रथा निवासी सत्येंद्र ने 9 जून को अपनी पत्नी संगीता को प्रसव के लिए महिला अस्पताल में भर्ती कराया। प्रसव के बाद उसे एक बेटा पैदा हुआ। 10 जून को परिजनों ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर जुड़वा बच्चे पैदा होने चाहिए थे, मगर स्टाफ ने एक गायब कर दिया। खूब हंगामा हुआ। पुलिस ने तहरीर मिलते ही जांच शुरू कर दी। मंगलवार को अस्पताल में प्रसव के दौरान ड्यूटी में तैनात स्टाफ के बयान दर्ज किए। सीएमएस व अन्य स्टाफ ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को त्रुटिपूर्ण बताया।
बढ़ गई अस्पताल प्रबंधन व स्टाफ की टेंशन
पुलिस को दीनदयाल अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जगमोहन शर्मा ने बताया कि मैंने फरवरी व मार्च के बाद 26 मई को संगीता का अल्ट्रासाउंड किया। तीनों बार दो ही बच्चे दर्शाए गए और यही रिपोर्ट दी। हालांकि, केवल मेजरमेंट (आयु आदि) के लिए एक बच्चे का ही जिक्र किया, जिससे रिपोर्ट को त्रुटिपूर्ण मान लिया गया। रेडियोलॉजिस्ट का बयान लेकर पुलिस फिलहाल तो लौट गई, मगर अस्पताल प्रबंधन व स्टाफ की टेंशन बढ़ गई है।
रिपोर्ट सहीं हैं
रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जगमोहन शर्मा ने बताया कि 'मैंने पुलिस को बताया है कि मेरी तीनों ही रिपोर्ट सहीं हैं, जिनमें संगीता को जुड़वा बच्चे बताए गए हैं। 26 मई को अंतिम अल्ट्रासाउंड के बाद क्या हुआ? इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।'
संगीता ने एक ही बच्चे को जन्म दिया
सीएमएस डॉ. गीता प्रधान ने बताया कि 'रिकॉर्ड के अनुसार हमारे यहां संगीता ने एक ही बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के तुरंत बाद यह लिखवाया भी गया। परिजनों को 9 जून को बच्चा सौंपा, मगर उन्होंने 10 को जुड़वा बच्चों का दावा किया।'