Internatioanal Stadium in Bad condition in Dehradun: देहरादून में करीब ढाई सौ करोड़ की लागत से बना राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इन दिनों बदहाल स्थिति में है. 2016 में कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस स्टेडियम का उद्घाटन किया था. स्टेडियम इस लिहाज से बनाया गया था कि उत्तराखंड में क्रिकेट प्रेमियों को नेशनल और इंटरनेशनल मैच देखने का मौका मिलेगा और यहां की प्रतिभाओं को भी खेलने का मौका मिल सकेगा. रखरखाव न होने की वजह से इन दिनों यह स्टेडियम बदहाल स्थिति में है.


बदहाल स्थिति पर जिम्मेदार मौन


देहरादून के रायपुर में 253 करोड़ की लागत से राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाया गया, उम्मीद थी कि राज्य सरकार की इस पहल से देहरादून में नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के मैच होंगे और यह वही ग्राउंड है जिसे अफगानिस्तान ने अपना होम ग्राउंड बनाया था और यहीं पर आयरलैंड बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय मैच भी हुए थे. लेकिन इन दिनों यह स्टेडियम पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है. रखरखाव न होने की वजह से कुर्सियां टूट गई हैं. मैदान में बड़ी-बड़ी घास उग आई है इतना ही नहीं पूरे ग्राउंड में बरसात के पानी से काई लग गई है. आलम यह है कि, जंगली घास उग जाने से स्टेडियम की पिच भी पूरी तरह से तबाह है. स्टेडियम की स्थिति पर जिम्मेदार पूरी तरह से मौन हैं और यह बहाना बना रहे हैं कि फिलहाल वहां पर मेडिकल डिपार्टमेंट का कोविड केयर सेंटर बनाया गया है, इसलिए वहां कोई जा नहीं सकता. हालांकि स्टेडियम का संचालन एक प्राइवेट कंपनी के माध्यम से भी कराया जा रहा था.


लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं खिलाड़ी


अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की इस स्थिति का ठीकरा खेल विभाग दूसरे विभाग थोप रहा है. खेल विभाग का दावा है कि, कोविड सेंटर होने की वजह से कोई भी वहां एंट्री नहीं ले सकता, तो रखरखाव की जिम्मेदारी भी मेडिकल डिपार्टमेंट की होनी चाहिए. लेकिन सवाल यह है कि जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा खिलाड़ियों को ही भुगतना पड़ रहा है.


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