Badaun Jama Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश के बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद सामने आया है.संभल की जामा मस्जिद और राजस्थान की अजमेर दरगाह के बाद अब बदायूं की ऐतिहासिक मस्जिद को महादेव मंदिर बताया जा रहा है.इस मामले को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है. बदायूं जामा मस्जिद पर सपा प्रवक्ता फकरूल चांद का भी बयान सामने आया है.
फकरूल चांद ने कहा कि लोकसभा में जैसे ही भाजपा की संख्या घटी है, पीडीए की संख्या बढ़ी है तो भाजपा में बेचैनी बढ़ी है. भारतीय जनता पार्टी और उससे जुड़े संगठन पूरे देश में मंदिर और मस्जिद के मुद्दों को उठाने का काम कर रहे है. पहले संभल फिर अजमेर तो उसके बाद बदायूं की बात हो रही है.
'भाजपा हर मोर्चे पर असफल'
उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी समझती है कि भाजपा जो हर मोर्चे पर असफल रही है. वह बेरोजगारी, किसान, मजदूर से सभी का ध्यान हटाना चाहती है. भाजपा लोकसभा में हुए हार को पचा नहीं पा रही है इसलिए वह मस्जिद और मंदिर के नाम पर राजनीति कर रही है, जनता समझदार है भारतीय जनता पार्टी को इसका जरूर जवाब देगी.
जामा मस्जिद विवाद माननीय न्यायालय के सामने रखा गया है. देश का कानून संविधान किसी भी व्यक्ति को अदालत में जाने का अधिकार देता है. उस अधिकार के तहत चाहे वह किसी भी धर्म का व्यक्ति हो जा सकता है और अपनी प्रार्थना कह सकता है. सरकार का आदेश माननीय न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराना है तो मामला विचाराधीन है, इसलिए उसकी प्रतिक्षा करनी चाहिए.
3 दिसंबर को होगी सुनवाई
बदायूं के जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में अब अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी. मामला सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है. शनिवार को जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष रखने के बाद बहस की गई. बहस पूरी न होने पर 3 दिसंबर की तारीख दी गई है. हिंदू महासभा की ओर 2022 में में जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए वाद दायर किया था.
ये भी पढ़ें: साहिबा खातून और अमजद को CM योगी ने दिया मैरिज गिफ्ट, तालियों से गूंज गया पूरा हॉल