Badrinath Dham: 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया बदरीनाथ धाम, शीतकाल के लिए कल बंद होंगे कपाट, भक्तों का जमावड़ा लगा
Uttarakhand News: बद्रीनाथ धाम मंदिर को 20 कुंतल फूलों से सजाया गया है. कपाट बंद के साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच चुके हैं.
Uttarakhand News: 20 नवंबर को भगवान बद्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. इसी के साथ ही उत्तराखंड में स्थित चारों धाम की यात्रा भी संपन्न हो जाएगी. बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व बदरीनाथ धाम में सभी तैयारियां पूरी कर दी गई है.
बद्रीनाथ धाम मंदिर को 20 कुंतल फूलों से सजाया गया है. कपाट बंद के साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच चुके हैं. कड़ाके की ठंड के बाद भी लगातार बद्रीनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ है. शनिवार को भी दोपहर तक हजारों यात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच सकते हैं. 16 नवंबर से भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. शुक्रवार को कपाट बंद होने की प्रक्रिया के चौथे दिन बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नम्बुदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी सत्य प्रकाश चमोला वेदपाठी ने माता लक्ष्मी को गर्भ ग्रह में विराजमान होने के लिए निमंत्रण दिया.
कपाट बंद होने के साथ संपन्न होगी चार धाम यात्रा
20 नवंबर को माता लक्ष्मी और भगवान बद्री विशाल के कपाट शाम 6:45 बजे बंद होने से पूर्व गर्भ ग्रह में विराजमान की जाएगी, जहां शीतकाल में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी विराजमान रहेंगी. बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारों धाम की यात्रा संपन्न हो जाएगी. शीतकाल में कुबेर और उद्धव की पूजा, पांडुकेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी की पूजा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में की जाएगी.
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