UP News: समाजवादी पार्टी (SP) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने मंदिर-मस्जिद के मुद्दे को लेकर बीजेपी (BJP) पर हमला बोला है. उहोंने कहा है कि हर मस्जिद में मंदिर खोजने की परंपरा बीजेपी को भारी पड़ेगी. ऐसा करेंगे तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ खोजेंगे. उन्होंने कहा कि आठवीं सदी की शुरुआत तक बदरीनाथ बौद्ध मठ था. इसके बाद आदि शंकराचार्य ने इसे परिवर्तित करवाकर बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) बनाया और हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित किया था.


वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस बयान को लेकर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य ने हमारी आस्था को कहीं न कहीं प्रभावित किया.' मौर्य ने कहा, "मैं सीएम से सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि सबकी आस्था महत्व रखती है. आपकी आस्था अगर आस्था है तो अन्य धर्मावलम्बियों और पंथ की आस्था भी आस्था है. दूसरों की आस्था की भी चिंता करनी चाहिए."



मेरा बयान संविधान के अनुकूल- मौर्य


इसके अलावा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की टिप्पणी को लेकर सपा नेता ने कहा कि मेरा बयान संविधान के अनुकूल है. कोई भी हवा-हवाई बयान देने से बाज आएं. उन्होंने कहा, "महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने बदरीनाथ धाम जाकर जो कुछ लिखा, उस पर बात कर रहे हैं. मूर्ति का अवलोकन करके और रावल से बात करके इस प्रकार इसमें संदेह नहीं रह गया कि मूर्ति बुद्ध की है. अखंड रहने पर यह मूर्ति बहुत सुंदर रही होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है."


मौर्य ने रामेश्वरम मंदिर को लेकर भी पेश किए दस्तावेज


स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वे दावे के संबंध में प्रमाण भी दे रहे हैं. इसके साथ स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदरीनाथ समेत कई प्रतिष्ठित मंदिरों को लेकर बौद्ध मठ तोड़कर मंदिर बनाए जाने के संबंध में तमाम दस्तावेज पेश किए हैं. रामेश्वरम के संबंध में भी मौर्य ने ऐतिहासिक साक्ष्य दिए हैं. मौर्य ने कहा कि हर मस्जिद में मंदिर खोजने वालों के पास कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं मिलेंगे लेकिन मंदिर में बौद्ध मठ ढूंढने वालों के पास हजारों साक्ष्य मिल जाएंगे.


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