Badrinath Temple: केशव मौर्य ने विवादित बयानों के पीछे बताया अखलेश यादव का हाथ, सपा के अंत को लेकर कह दी बड़ी बात
Keshav Prasad Maurya News: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बृहस्पतिवार को लखनऊ में ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा था कि बदरीनाथ मंदिर आठवीं सदी तक बौद्ध मठ था.
UP News: समाजवादी पार्टी (SP) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की ओर से बदरीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) को लेकर दिए गए बयान के बाद बीजेपी (BJP) लगातार हमलावर है. अब इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि विवादित बयानों की श्रृंखला ही 2024 में सपा के अंत के लिए पर्याप्त है.
यही नहीं केशव मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सभी विवादित बयानों के पीछे अखिलेश यादव की योजना है. समाजिक एकता को मजबूत करने की जरूरत है. सपा की नीति और नियत सही नहीं है. राजनीतिक दलों का काम जनता की सेवा है.
'बदरीनाथ मंदिर आठवीं सदी तक बौद्ध मठ था'
गौरतलब है कि स्वामी मौर्य ने बृहस्पतिवार को लखनऊ में ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा था कि बदरीनाथ मंदिर आठवीं सदी तक बौद्ध मठ था जिसे आदि शंकराचार्य ने हिंदू मंदिर में परिवर्तित किया था. अपने बयान पर राजनीतिक नेताओं से लेकर सोशल मीडिया उपयोक्ताओं की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद मौर्य ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि अब उन्हें अपनी आस्था याद आ रही है तो क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है.
आस्था को लेकर मौर्य ने कही ये बात
मौर्य ने कहा, ‘‘आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है. क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है?’’ सपा नेता ने कहा कि किसी की आस्था को चोट न पहुंचे, इसलिए उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त, 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा, 'अन्यथा, ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. आठवीं शताब्दी तक बदरीनाथ बौद्ध मठ था, उसके बाद बदरीनाथ धाम हिन्दू तीर्थस्थल बनाया गया, यही सच है.'
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