बागेश्वर: न शौचालय, न खाने-पीने की व्यवस्था, प्रवासियों के प्रबंध में प्रशासन की तैयारी फेल
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में अभी तक दो हजार से अधिक प्रवासियों का प्रवेश हो चुका है. इन सभी को मेडिकल चेकअप हो रहा है और सभी को होम क्वारंटाइन किया गया है। हालांकि, इस दौरान जिला प्रशासन की खामियां भी उजागर हुई हैं।
बागेश्वर, एबीपी गंगा: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में बाहरी राज्यों से बाहर से आने वालों की तादाद बढ़ने के साथ ही प्रशासन की खामियां भी उजागर होने लगी हैं. जैसे ही हरियाणा, गुड़गांवा ,चंडीगढ़, देहरादून, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी,अल्मोड़ा से प्रवासियों को लेकर करीब 25 बसें और 50 के करीब छोटी गाड़ियां बागेश्वर बस स्टेशन और पार्किंग स्थल पर पहुंचीं, प्रशासन की तैयारियों की कलई खुलना शुरू हो गईं. बिलौना वार्ड के पास बने स्टेजिंग एरिया की जगह कम पड़ गई. प्रवासियों के लिए शौचालय और पीने के पानी का प्रबंध तक नहीं था. जहां एक ओर सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी, तो वहीं सुरक्षा पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को भी यात्रियों की नाराजगी झेलनी पड़ी.
महर्षि विद्यालय में प्रवासियों के ठहरने की व्यवस्था
बाहरी राज्यों से लौट रहे प्रवासियों के लिए जिला प्रशासन ने बिलौना बस अड्डे के पास महर्षि विद्यालय में व्यवस्था की है. यहां पहुंचने पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. उनकी जांच और दस्तावेज एकत्र करने के बाद उनके लिए गाड़ियों की व्यवस्था कर गंतव्य तक भेजा जाता है, लेकिन एक साथ भारी संख्या में लोगों के आने से प्रशासन की सारी तैयारियां धरी रह गईं. भीड़ बढ़ी, तो सारे मानक टूट गए. सोशल डिस्टेंसिंग हवा-हवाई हो गई. लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिला और शौचालय की सुविधा से भी महरूम होना पड़ा, जिससे कई बार प्रवासियों का गुस्सा भी झलका. कोविड-19 के खतरे को देखते हुए सरकार ने देश के जिलों को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में बांटा है. बाहर से आने वाली सवारियों को भी बसों में भेजते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है, लेकिन राज्य के जिला मुख्यालयों तक पहुंचते ही सारे नियम हवा में उड़ गए. यहां सभी जोन से आए लोग एक-साथ घर पहुंचाने की गुहार लगाते दिखे.
अबतक जिले में पहुंच चुके हैं दो हजार से अधिक प्रवासी
वहीं, नोडल अधिकारी ने बताया कि अब तक जिले में दो हजार से अधिक प्रवासियों का प्रवेश हो चुका है. सभी का नियमित मेडिकल चेकिंग होने के बाद होम क्वारंटाइन किया जा रहा है. स्टेजिंग एरिया में सभी प्रवसियों का ध्यान रखा जा रहा है. भीड़ बढ़ने के बाद मेडिकल स्टाफ के साथ ही अतिरिक्त स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया गया है.
गौरतलब है कि बागेश्वर में जिला प्रशासन की तैयारियों की जिस तरह से कलई खुल रही हैं, ऐसे में वो आने वाले दिनों में कोरोना के बड़े खतरे को खुली दावत देते दिखाई पड़ रहे है. अगर इसी तरह अव्यवस्थाओं का दौर चलता रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब ग्रीन जोन में शामिल बागेश्वर जिला भी खतरे की श्रेणी में खड़ा दिखाई देगा.
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