Uttarakhand Bypoll 2023: बागेश्वर उपचुनाव में उतरी कांग्रेस और बीजेपी के बीच वार-पलटवार जारी है. कांग्रेस ने बीजेपी पर परिवारवाद का आरोप लगाया था. अब कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस को परिवारवाद पर बात नहीं करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को परिवारवाद में फर्क करने की जरूरत है. बीजेपी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और प्रत्याशी का चयन आम सहमति से होता है. मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि पंचायत चुनाव के लिए भी प्रत्याशी का फैसला कांग्रेस हाईकमान की तरफ से होता है.


परिवारवाद के आरोप पर BJP का पलटवार


बीजेपी नेता ने कांग्रेस के जी 23 समूह का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि परिवारवाद के खिलाफ असंतुष्ट नेताओं का विरोध कांग्रेस में सामने आया था. कांग्रेस की सरकार में सुपर पीएम और राज्यों में हाई कमान की अनुकंपा से सुपर सीएम रहे हैं. बीजेपी में प्रत्याशी, विधायक, सीएम या पीएम साधारण व्यक्ति होता है. उन्होंने कहा कि सब को मालूम है को कांग्रेस किस परिवार की बपौती है. चौहान ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने परिवारवाद से त्रस्त होकर बीजेपी या दूसरे दलों का दामन थामा है. बीजेपी ने कांग्रेस से आये कार्यकर्ताओं या नेताओं को सम्मान दिया है. सम्मान बीजेपी के संस्कार में है. राज्य सरकार में कई मंत्री कांग्रेस पृष्ठभूमि के हैं. उन्होंने सम्मान पाने के लिए बीजेपी का दामन थामा. 


'कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव दिखावा'


बीजेपी में उपेक्षा नहीं की जाती है. चौहान ने कहा कि जवाब बीजेपी को नहीं कांग्रेस को देने की जरूरत है. आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस में कार्यकर्ता और नेता खुद को असहज मान रहे हैं. कांग्रेस के सामने अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है. कांग्रेस को तुष्टिकरण और परिवारवाद के बारे में हाईकमान से चर्चा करनी चाहिए. उन्होंने कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव को दिखावे का बताया और कहा कि रिमोट परिवार के पास रहता है. उन्होंने दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास की पत्नी को टिकट दिए जाने पर सफाई दी. मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि बागेश्वर उपचुनाव के लिए पत्नी को प्रत्याशी जनता और कार्यकर्ताओं की सहमति से बनाया गया है.


लोकप्रियता की वजह से चंदन राम दास जीवन काल में कभी चुनाव नहीं हारे. उनकी पत्नी भी पति के साथ हमेशा सेवा कार्यों में लगी रही. इसी कारण कार्यकर्ताओं की पसंद बनीं. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रत्याशी ने कांग्रेस से किनारा कर लिया. कांग्रेस को चुनाव लड़ाने के लिए प्रत्याशी का संकट पैदा हो गया है. दूसरे दल से आए प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारना पड़ा. सच्चाई को कांग्रेस जान बुझकर नजरंदाज कर रही है. बीजेपी पर आरोप प्रत्यारोप लगाना अस्वीकार्य है. बता दें कि कांग्रेस ने कहा था कि बीजेपी के पास सक्षम कार्यकर्ता का अभाव है. 


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