बागेश्वर: अंतिम संस्कार के बाद खुले में फेंकी जा रही है पीपीई किट, बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
बागेश्वर जिले में कोरोना संक्रमण से जिन व्यक्तियों की मौत हो जाती है उनका दाह संस्कार कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार करवाया जा रहा है. लेकिन, दाह संस्कार के बाद कर्मचारी और अन्य लोग पीपीई किट को खुले में फेंक रहे हैं.
बागेश्वर: उत्तराखंड के बागेश्वर जिला मुख्यालय पर बने अस्थायी कोविड-19 अंत्येष्टि स्थल पर पीपीई किट को लेकर बड़ी लारवाही सामने आयी है. हैरान करने वाली बात ये है कि गोमती नदी के किनारे बेतरतीब पड़े इन पीपीई किटों से संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है. इसके बारे में स्थानीय लोगों ने तहसील प्रशासन और नगर पालिका से शिकायत भी की है.
लोग पीपीई किट को नदी के किनारे फेंक रहे हैं
बता दें कि, बागेश्वर जिले में कोविड अस्पताल में इलाज के दौरान जिन व्यक्तियों की मौत कोविड संक्रमण के कारण हो जाती है उनका दाह संस्कार प्रशासन की तरफ से कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार करवाया जा रहा है. जिसके लिए प्रशासन ने सरयू नदी के किनारे एक स्थान भी निर्धारित किया है. लेकिन, दाह संस्कार के बाद लापरवाही बरतते हुए कर्मचारी और अन्य लोग पीपीई किट को नदी के किनारे फेंक रहे हैं. जिससे सरयू और गोमती नदी के पानी के दूषित होने का खतरा बढ़ने के साथ कोविड संक्रमण के मामले तेज से बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है. प्रशासन की इस लापरवाही पर सवाल भी खड़े होने लगे हैं.
मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी
वहीं, इस मामले में उप जिलाधिकारी सदर योगेंद्र सिंह कहा कि मामला संज्ञान आया है. तुरंत नगर पालिका के अधिकारियों को आदेशित कर पीपीई किट को कोविड-19 अंत्येष्टि स्थल पर ही डीकंपोज करवा दिया गया है. साथ ही पालिका को निर्देश दिए गए हैं कि इस स्थान की बैरिकेडिंग कर स्थल के एंट्री और एग्जिट पर सावधानी सूचना फ्लैक्स बोर्ड में दिशा निर्देश पालन नियम लिखवाया जाए. अगर इसके बाद भी कोई मामला सामने आता है तो संबंधित के खिलाफ आपदा अधिनियम एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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