Ramcharitmanas Row: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) को लेकर राजनीतिक पार्टियों के ओर से कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है. एक ओर बीजेपी (BJP) के कुछ नेता उनका खुलेआम समर्थन कर रहे हैं. जबकि विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार उनपर निशाना साध रहे हैं. अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 


स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "कोई भी धर्म किसी को गाली नहीं देता है. गाली देने वालों के लिए वो धर्म हो सकता है, लेकिन गाली खाने के लिए वो धर्म नहीं हो सकता है. उन्होंने लोगों से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियां जमा की हैं." सपा नेता ने आगे कहा कि धीरेंद्र शास्त्री की जगह जेल में है. अपने बयान एमएलसी ने बाबा बागेश्वर की तुलना निर्मल बाबा से की और कहा कि अंधविश्वास और पाखंड फैलाने वालों को जेल में डालना चाहिए.


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अपने बयान पर कायम हैं सपा नेता
सपा नेता ने रामचरितमानस वाले बयान पर कहा, "हमने रामायण या किसी भगवान पर टिप्पणी नहीं की है. हमने चौपाई के उस अंश पर टिप्पणी की जिसमें समस्त महिलाओं, दलितों और पिछड़ों को अपमानित करने का काम किया गया है. मैंने उस अंश को हटाने की बात की थी. जो बयान दिया था, उस पर आज भी कायम हूं."


कैसे शुरू हुआ विवाद?
इससे पहले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था, "भारत में चादर चढ़ाना और कैंडल जलाना तो आस्था है, लेकिन अर्जी का नारियल बांधना अंधविश्वास है. पता नहीं लोग इतना दोगलापन कहां से लाते हैं." उन्होंने कहा, "देश में हिंदू बाबाओं के खिलाफ खास अभियान चलाया जा रहा है. इसी के चलते उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन वे इससे नहीं डरते." 


बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर में श्रीराम चरित्र-चर्चा का आयोजन हुआ था. तब वहां धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा था. इस दौरान अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था.