Uttarakhand News: बागेश्वर में लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. जिले में अब तक 889 गोवंश वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. पशुपालन विभाग तेज गति से मवेशियों का उपचार कर रहा है. संक्रमण की चपेट में आए अब तक 300 से ज्यादा मवेशी ठीक हो गए हैं. पशुपालन विभाग की टीम गांव-गांव जाकर मवेशियों का इलाज कर रही है. पशुपालकों को बीमारी की जानकारी देकर सतर्क किया जा रहा है. बता दें कि लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले मवेशियों के शरीर पर दाने निकलते हैं.


लंपी वायरस की चपेट में मवेशी


दानों के ठीक होने पर छाले जैसे निशान पड़ जाते हैं. पशुओं के नाक और मुंह से लार बहने लगती है. बुखार की चपेट में भी पशु आ जाते हैं. बीमारी के लक्षणों का पता चलते ही फौरन इलाज शुरू करने पर दो से चार दिन में पशु ठीक हो जाते हैं. लंपी वायरस पूरे बागेश्वर जिले में फैला है. स्वास्थ्य विभाग की टीम हर दिन प्रभावित गांवों में जा रही है. अब तक विभाग की टीम ने 176 गांवों में जाकर बीमार पशुओं की जांच और इलाज किया है.


जानिए बीमारी के क्या हैं लक्षण


प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ कमल पंत ने बताया कि जिले में लंपी वायरस तेजी से पैर पसार रहा है. हालांकि अब तक संक्रमण से किसी पशु के मरने का मामला सामने नहीं आया है. लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है. पशुपालकों को सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि बीमारी का लक्षण दिखने पर फौरन पशु चिकित्सक या विभाग को सूचित करना चाहिए ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके. लंपी वायरस के लक्षण में लगातार बुखार आना, वजन कम होना, लार निकलना, आंख और नाक का बहना, दूध का कम होना, शरीर पर चकत्ते जैसी गांठे बन जाना शामिल है.


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