Bageshwar Parking Problem: उत्तराखंड के बागेश्वर (Bageshwar) में मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत नगर में बन रहे दो मंजिला पार्किंग के निर्माण में बजट की कमी आड़े आ गई है. दो करोड़ 12 लाख रुपये की लागत की पार्किंग के लिए सरकार से केवल 50 लाख रुपये मिले हैं. समय पर बजट नहीं मिला तो पार्किंग का काम अधर में लटक जाएगा. इस पार्किंग का लेंटर तो पड़ गया है लेकिन अभी भी बाकी काम बचा हुआ है. इस पार्किंग को बनते हुए 4 साल हो गए हैं लेकिन अब तक सिर्फ 20 फीसद ही काम पूरा हो पाया है. 


बागेश्वर में पार्किंग निर्माण में बजट की कमी
साल 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी (B. C. Khanduri) ने नगर में पार्किंग निर्माण कराने की घोषणा की थी. उसके अनुरूप शासन ने एक करोड़ की राशि स्वीकृत की. पार्किंग के निर्माण के लिए बजट अवमुक्त न होने के कारण पार्किंग की लागत बढ़ती गई. पार्किंग की लागत 2.12 करोड़ हो गई. 2019 की शुरुआत में गरुड़ रोड पर कोतवाली से आगे 60 वाहन क्षमता वाले दो मंजिला पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू हुआ. शासन से पहली किश्त के रूप में 50 लाख रुपये मिले. पिछली बरसात में भूस्खलन होने से पार्किंग का काम बाधित रहा. उससे पहले लॉकडाउन के कारण कार्य बंद रहा. पार्किंग के भूतल में लेंटर पड़ गया है. लेकिन अब भी यहां पर काफी काम बचा हुआ है. इस कार्य में 50 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च हो गई है और 20% काम ही हो पाया है. जबकि पार्किंग को बनते बनते चार साल हो गए है. 


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अब तक नहीं मिल पाई बकाया राशि


दूसरी तरफ पालिका के ईओ सतीश कुमार ने बताया कि प्रथम तल के कार्य के लिए पालिका को बजट की दरकार है. पालिका शासन को हर माह अवशेष रकम अवमुक्त करने के लिए पत्राचार कर रही है.  लेकिन अब तक बची हुई रकम के मिलने का रास्ता साफ नहीं हुआ है. करीब 1.62 करोड़ रुपये की राशि अब भी बची हुई है. पालिका के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि पार्किंग का बचा हुआ काम पूरा कराया जा सके. वही जिले में पार्किंग नही होने से लोगों के द्वारा सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी की जाती है. जिससे यहां पर जाम की समस्या बनी रहती है और पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. 

 

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