Uttarakhand News: बागेश्वर में बीमार की डोली उठाने को कम पड़े पुरुष तो महिलाओं ने लगाया कंधा, 7 KM पैदल चल पहुंचाया अस्पताल
Bageshwar News: डागती गांव में जब भी कोई बीमार हो जाता है तो गांव के लोग डोली के सहारे पहले सात किलोमीटर पैदल चलते हैं और सड़क तक पहुंचते हैं. उसके बाद वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट पहुंचते हैं.
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Uttarakhand Viral Video: उत्तराखंड में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर लगातार सरकारों पर सवाल उठते रहे हैं. इसके बाद भी आज तक सभी सेवाओं का हाल बदहाल है. सरकारी लगातार सड़कों का जाल गांव-गांव तक पहुंचाने की बातें कहती आती हैं और अपने दावों को मजबूत भी करती हैं. इस बीच दावे और हकीकत में लगातार अंतर सामने आते रहता है. ऐसा ही एक मामला बागेश्वर (Bageshwar) जिले के लीती गांव के डांगती से भी आया है, जहां पुरुष और महिलाएं बीमार व्यक्ति को डोली के सहारे सात किलोमीटर दूर सड़क पर लाते हैं.
डागती गांव में जब भी कोई बीमार हो जाता है तो गांव के लोग डोली के सहारे पहले सात किलोमीटर पैदल चलते हैं और सड़क तक पहुंचते हैं. उसके बाद वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट पहुंचते हैं. गांव में पुरुषों की संख्या कम होने पर महिलाएं पूरे दमखम के साथ बीमारों को अस्पताल पहुंचाने का हौसला भी रखती हैं. लंबे समय से परेशान गांव के लोग सरकारों से जल्द से जल्द उन्हें भी मूलभूत सुविधाओं को देने की मांग करते आ रहे हैं.
108 के माध्यम से ले जाया गया अस्पताल
इसी बीच गांव के खड़क सिंह बीमार हो गए और उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही थी. इसको देखते हुए महिलाओं ने आगे कदम रखा और बारी-बारी से डोली के सहारे खड़क को सात किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचे. उन्हें भी सड़क तक लाने के लिए ग्रामीणों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. सड़क से 108 के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है.
पूर्व विधायक ने साधा सरकार पर निशाना
वहीं पूर्व विधायक ललित फर्सवाण ने बताया कि सरकार केवल अपनी वाहवाही लूटने का काम कर रही है, जिस तरीके से आज भी लोगों को दुर्गम स्थानों में सड़क और स्वास्थ्य के लिए जूझना पड़ रहा है, इससे डबल इंजन सरकार के झूठे दावे साफ तौर पर दिखते हैं. सरकार अपने हाथ से अपनी पीठ थपथपाना बंद कर लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें.
'सरकार को जमीनी मुद्दों को समझना बहुत जरूरी'
जिला पंचायत के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा कि सरकार को इस जमीनी मुद्दों को समझना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से गांव की महिलाओं को मरीजों को ले जाने के लिए आगे आना पड़ रहा है, इससे साफ पता चलता है कि रोजगार, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के दावे पूरी तरह से झूठे हैं, जनप्रतिनिधियों को इन्हें पूरा करने के लिए आगे आना होगा.
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