Bageshwer By Election 2023 Voting: उत्तराखंड (Uttarakhand) की बागेश्वर (Bageshwer) विधानसभा सीट पर 5 सितंबर को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया है. कुछ छिट-पुट घटनाओं के अलावा चुनाव में वोटिंग सही समय पर पूरी हो गई, सभी घटनाओं को समय रहते निपटा दिया गया और जो कमियां सामने आई उन्हें समय रहते दूर कर दिया गया. बागेश्वर में उपचुनाव के दौरान सभी बाजार बंद रहे, वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रखी गई. शराब की दुकानों को भी बंद कराया गया था. बागेश्वर उपचुनाव में कुल वोटिंग 55.42 परसेंट रही.
बागेश्वर उपचुनाव की वोटिंग के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और कुमाऊं आईजी नीलेश आनंद भरणे वोटिंग के दौरान बागेश्वर में ही मौजूद रहे और लगातार तमाम गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे. चुनाव ऑब्जर्वर राजेश कुमार ने सुबह से ही सभी पोलिंग बूथों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया था और हर एक बूथ पर जाकर जानकारी ली और सभी इंतजाम खुद जाकर देखे.
पिछली बार के मुकाबले कम हुई वोटिंग
पिछली बार के मुकाबले इस बार बागेश्वर उपचुनाव में मत वोटिंग परसेंटेज कम रहा. इस बार 55.42 पर्सेंट वोटिंग हुई जबकि पिछली बार 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बागेश्वर की जनता ने 61.50 पर्सेंट वोटिंग की थी. विपक्ष ने इस दौरान प्रशासन पर गंभीर आरोप लाए. विपक्ष का आरोप है कि लोगों को वोट नहीं डालने दिए गया. कई जगहों पर गड़बड़ियां देखने को मिली बूथ संख्या 181 और 182 पर ईवीएम मशीन की जगह रोशनी ना होने के चलते लोगों को वोट डालने में काफी दिक्कत आई.
बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर
बागेश्वर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की सीधे तौर पर टक्कर मानी जा रही है. पिछली बार बागेश्वर से भारतीय जनता पार्टी के चंदन रामदास को 32000 से भी ज्यादा मत प्राप्त हुए थे इस बार उनकी पत्नी चुनावी मैदान में है. चंदन रामदास ने बागेश्वर विधानसभा में 12 हजार से ज्यादा वोटो से कांग्रेस को हराया था इस बार देखना होगा कि यह आंकड़ा कहां पहुंचता है. अगर 12 हजार से अधिक मतों से बीजेपी इस सीट को जितती है तो उसके लिए यह बड़ी जीत होगी, लेकिन अगर ये आंकड़ा नीचे जाता है तो कांग्रेस के लिए इसे बढ़त ही माना जाएगा.